बीकानेर,भारतीय जनता पार्टी राजस्थान के स्टेट मीडिया पैनलिस्ट डॉ सुरेंद्रसिंह शेखावत ने अपने विरुद्ध डीडवाना थाने में अजमेर डिस्कॉम के AEN द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे के संबंध में बयान जारी कर रहा है कि गहलोत सरकार का प्रशासन आचार संहिता लागू होने के बाद भी सरकार के दबाव में काम कर रहा है ।मेरे विरुद्ध अवैधानिक कदम उठाकर झूठा मुकदमा दर्ज कराया गया है जबकि यह मुकदमा विभागीय अधिकारियों के विरुद्ध दर्ज करवाया जाना था ।
अजमेर डिस्कॉम द्वारा जारी किए गए विद्युत बिल जो कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद जारी किए गए थे जो सोशल मीडिया के माध्यम से मेरे संज्ञान में आए थे । मैंने एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में तथा भारतीय जनता पार्टी के पैनलिस्ट के रूप में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए मेरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर डालकर मुख्य चुनाव आयुक्त से आचार संहिता के उल्लंघन पर कार्यवाही की मांग की थी ।
जिला निर्वाचन अधिकारी डीडवाना कुचामन द्वारा अधिशासी अभियंता कार्यालय पर छापा मार कर कार्रवाई करने पर 109 विद्युत बिल जिन पर मुख्यमंत्री जी की फोटो लगी हुई थी को बरामद भी किया है । इस आधार पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की विधि सम्मत कार्रवाई डिस्कॉम अधिकारियों पर होनी थी, जबकि अधिकारियों ने अपनी खाल बचाने के लिए उल्टा मुझ पर मुकदमा दर्ज करवाया है ।
ऐसा प्रतीत होता है कि प्रशासन अभी भी गहलोत सरकार के दबाव में काम कर रहा है । अपनी अंतिम सांसें गिन रही गहलोत सरकार झूठे मुकदमों से राजनीतिक कार्यकर्ताओं को डराना चाहती है । मैं इन मुकदमो से घबराने वाला नहीं हूं ।
मैं पुनः मुख्य चुनाव आयुक्त और जिला निर्वाचन अधिकारी दोनों से आग्रह करता हूं कि दोषी अधिकारियों के विरुद्ध आचार संहिता उल्लंघन और तथ्य छुपाने का मुकदमा दर्ज कर कड़ी कार्यवाही करे और उनका तुरंत स्थानांतरण करें अन्यथा यह अधिकारी पद का दुरुपयोग करते हुए गहलोत सरकार का प्रचार करेगा ।