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बीकानेर,जल्दबाजी में किया गया बिगड़ता है और जागृति में रहकर किया गया कार्य संवरता है। उक्त प्रवचन साध्वी सौम्यदर्शना ने बुधवार को रांगड़ी चौक स्थित पौषधशाला में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि जागृत मन हमेशा हमें पाप से बचाता है। हमारा मन ही है जो सभी इंद्रियों को नियंत्रित करता है। हम मनमर्जी से जीना पसंद करते हैं जबकि हमें आत्मा की इच्छानुरूप जीवन जीना चाहिए। प्रमाद यानि आलस्य ही ऐसा कषाय है जो हमें अच्छा कार्य करने से रोकता है। प्रमाद हमारी आत्म विकास में सबसे बड़ा बाधक कषाय है। बौद्धिकता के साथ किया गया पुरुषार्थ हमें निश्चित सफलता दिलाता है। साध्वी सौम्यदर्शना ने कहा कि जब तक सामथ्र्य हो, सक्षम हो तब तक स्वयं का कार्य स्वयं को करना चाहिए। जो कार्य स्वयं कर सकें उसके लिए अनावश्यक किसी को आदेश न करें। श्री जैन श्वेताम्बर तपागच्छ श्री संघ के मंत्री विजय कोचर ने बताया कि 16 सितम्बर पौषधशाला में ही पद्मावती माता का महापूजन होगा। 17 सितम्बर को कोचरों के चौक में क्षमापना संक्रांति महोत्सव मनाया जाएगा। आज की संघपूजा का लाभ दौलतराम हीरालाल गोलछा परिवार द्वारा लिया गया।

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