बीकानेर,जयपुर,पालनहार योजना के तहत बढ़ा हुआ लाभ देने के लिए पालनहार लाभार्थी उत्सव सोमवार को आयोजित होगा। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत इस कार्यक्रम में 6 लाख लाभार्थियों को उनके बैंक खातों में लगभग 88 करोड़ रुपए की राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से हस्तांतरित करेंगे।
जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि इसके तहत बीकानेर जिले के 8 हजार 783 पालनहारों के माध्यम से 17 हजार 912 बच्चों को लाभ दिया जाएगा।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के संयुक्त निदेशक एल डी पंवार ने बताया कि मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित किए जाने वाले राज्यस्तरीय कार्यक्रम में श्री गहलोत वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से लाभार्थियों से संवाद भी करेंगे। जिला स्तरीय कार्यक्रम सोमवार को रविंद्र रंगमंच पर दोपहर 12 बजे आयोजित होगा।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में अनाथ, देखरेख व संरक्षण की श्रेणी में आने वाले बालक और बालिकाओं की परिवार के अंदर ही समुचित देखरेख, संरक्षण एवं शिक्षा सुनिश्चित हो सके, इसके लिए पालनहार योजना लागू की गई।
योजना के तहत इन बच्चों का पालन-पोषण करने वाले व्यक्ति को बच्चों की शिक्षा, खाने-पीने और कपड़ों की व्यवस्था के लिए प्रतिमाह आर्थिक सहायता दी जाती है।
*पालनहार योजना की पात्रता श्रेणियां:*
पंवार ने बताया कि योजना में अनाथ बच्चे,न्यायिक प्रक्रिया से मृत्यु दण्ड/आजीवन कारावास प्राप्त माता/पिता के बच्चे, पेंशन प्राप्त कर रही विधवा माता के बच्चे, पुनर्विवाहित विधवा माता के बच्चे, एच.आई.वी./एड्स से पीड़ित माता/पिता के बच्चे, कुष्ठ रोग से पीड़ित माता/पिता के बच्चे, नाता जाने वाली माता के बच्चे,विशेष योग्यजन माता/पिता के बच्चे,पेंशन प्राप्त कर रही तलाकशुदा/परित्यक्ता महिला के बच्चे, सिलिकोसिस पीड़ित माता/पिता के बच्चे, पात्रता रखते हैं।
*अनुदान राशि का प्रावधान*
अनाथ श्रेणी के 0-6 आयु वर्ग के बच्चों के लिए 1500 रुपये प्रतिमाह और 6-18 आयु वर्ग तक के बच्चों के लिए 2500 रुपये प्रतिमाह की सहायता दी जाएगी।
राज्य सरकार की बजट घोषणा 2023-24 के अनुसार पालनहार योजना में अनाथ श्रेणी के अतिरिक्त अन्य श्रेणी के 6 वर्ष उम्र तक के बच्चों के लिए 500 रुपए के स्थान पर 750 रुपये प्रतिमाह और 6-18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए 1000 रुपए के स्थान पर 1500 रुपये प्रतिमाह बढ़ी हुई सहायता राशि मिलेगी। ये बढ़ोतरी जुलाई 2023 से लागू होगी।
साथ ही कपड़े, स्वेटर, जूते आदि के लिए हर वर्ष 2000 रुपये अतिरिक्त मिलेंगे। (विधवा और नाता श्रेणी को छोड़कर)।
इस योजना की सबसे ज़रूरी शर्त यह है कि बच्चों का आंगनबाड़ी या विद्यालय जाना अनिवार्य है।