
बीकानेर,मानव दुर्व्यापार विरोधी दिवस के अवसर पर राजस्थान महिला कल्याण मंडल जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन व रेलवे सुरक्षा बल द्वारा रेलवे स्टेशन बीकानेर में हुए एक कार्यक्रम में बाल संरक्षण और बाल अधिकारों के क्षेत्र से जुड़े सभी प्रमुख हित धारक एक साथ आए ।इस कार्यक्रम में रेलवे सुरक्षा बल निरीक्षक सुभाष बिश्नोई, बाल कल्याण समिति अध्यक्ष जुगल किशोर , किशोर न्याय बोर्ड से अरविंद सेंगर किरण गोड, राजकीय रेलवे पुलिस, सुमन मेहरा बाल अधिकारिता विभाग, सवाई सिंह रतनु निरीक्षक मानव तस्करी रोधी इकाई, child line कोऑर्डिनेटर प्रवेश आदि प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया और एक सुर से स्वीकार किया कि बाल दुर्व्यापार यानी बच्चों की ट्रैफिकिंग से निपटने के लिए सभी एजेंसियों व विभागों को साथ मिलकर कार्रवाई करने की सख्त जरूरत है ताकि ट्रैफिकिंग गिरोह में कानून का भय पैदा हो सके। राजस्थान महिला कल्याण मंडल बीकानेर देश देश के सबसे बड़े नेटवर्क जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन (जेआरसी)का सहयोगी संगठन है और बीकानेर में बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए काम कर रहा है।JRC बाल श्रम ,बच्चों की ट्रैफिकिंग,बाल विवाह और बाल यौन शोषण के शिकार बच्चों की सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करने के लिए निरंतर कार्य कर रहा है। राजस्थान महिला कल्याण मण्डल /JRC के जिला समन्वयक अमित कुमार ने कार्यक्रम के दोरान बताया कि बच्चों की ट्रैफिकिंग केवल बाल मजदूरी या मुनाफे के लिए ,यौन शोषण तक की सीमित नहीं है बहुत से बच्चे खास तौर से लड़कियां जबरन विवाह के लिए ट्रैफिकिंग का शिकार बनती है यह एक ऐसी समस्या है जिसके बारे में कम ही चर्चा की जाती है और रोकथाम के उपायों पर भी ज्यादा बात नहीं होती है।
बच्चों की ट्रैफिकिंग से निपटने में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के सामने आने वाले चुनौतियों पर चर्चा करते हुए कार्यक्रम में मौजूद अधिकारियों ने सामूहिक रूप से माना कि मौजूदा कानून के प्रति जागरूकता बढ़ाना संवेदनशील तबको को ट्रैफिकिंग गिरोह और उनके कामकाज के तरीकों के बारे में संवेदनशील बनाना और सभी एजेसियो के बीच समन्वय को मजबूत करना तत्काल जरूरी है ताकि मुक्त कराए बच्चों के लिए तय समय सीमा में न्याय और पुनर्वास सुनिश्चित किया जा सके।
रेलवे सुरक्षा बल बीकानेर के निरीक्षक सुभाष बिश्नोई ने बताया की जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन टीम के साथ मिलकर बच्चों की ट्रैफिकिंग के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए रेलवे स्टेशनों पर निरंतर अभियान चलाया गया ,चूंकि ट्रैफिकिंग गिरोह अक्सर बच्चों को दूसरे राज्य ले जाने के लिए रेल मार्ग का उपयोग करते हैं इसलिए इस अभियान को फोकस यात्रियों,रेल कर्मियों ,विक्रेताओं,दुकानदारों,और कुलियों को बाल तस्करी के संकेत की पहचान करने और संदिग्ध मामलों की सुरक्षित रूप से सुरक्षित रूप से रिपोर्ट करने के लिए संवेदनशील बनाना था।
बच्चों की सुरक्षा के लिए सभी हित धारकों के बीच तालमेल व समन्वय की अहमियत और जिला प्रशासन के सहयोग को रेखाकिंत करते हुए जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन के जिला समन्वयक अमित कुमार ने कहा अगर बच्चों के ट्रैफिकिंग को रोकना है तो कानूनी कार्रवाई जरूरी है बाल दुर्व्यापारियो को शीघ्र और सख्त सजा मिलेगी तभी हम उनमें कानून का भय पैदा कर पाएंगे और यह ट्रैफिकिंग की रोकथाम के लिए सबसे असरदार उपाय है साबित होगा। रोकथाम अभियानों की सफलता के लिए जिले में मजबूत प्रशासनिक समन्वय और समय पर कानूनी कार्रवाई आवश्यक है ।इस तरह के काम कर हम न सिर्फ बच्चों की सुरक्षा बल्कि उन ट्रैफिकिंग गिरोह के नेटवर्क का भी खात्मा कर सकेंगे जो बच्चों का शिकार करते हैं।
रेलवे रेलवे स्टेशन पर हस्ताक्षर अभियान चलाया गया व लोगों को पंपलेट बैनर आदि के माध्यम से जागरूक किया। कार्यक्रम में रेलवे सुरक्षा बल उप निरीक्षक अजय ,रंजीत सिंह cmi,जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन टीम से पिंकी जनागल बाबूलाल ,जयप्रकाश ,दुर्गा देवी , रिया सेन, स्टेशन से कुलीगण व यात्रीगण आदि मौजूद रहे।