बीकानेर, राज्य सरकार द्वारा आगामी वित्तीय वर्ष के दौरान प्रस्तुत किए जाने वाले कृषि बजट से पूर्व किसानों के सुझावों, मांगों व कृषि से जुड़े अन्य प्रस्तावों पर शुक्रवार को स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय में संभाग स्तरीय चर्चा आयोजित की गई। चर्चा में जिला कलेक्टर नमित मेहता, संयुक्त सचिव कृषि डॉ एस के सिंह, कृषि विपणन निदेशक सोहनलाल शर्मा, अतिरिक्त संभागीय आयुक्त ए एच गौरी, कृषि विभाग के अतिरिक्त निदेशक यशपाल महावत, संयुक्त निदेशक कृषि डॉ उदयभान, उपनिदेशक कैलाश चौधरी, विश्वविद्यालय के वित्त नियंत्रक पवन कस्वां सहित संभाग के सभी जिलों से किसानों ने भाग लिया और अपने प्रस्ताव रखे।
इस अवसर पर जिला कलक्टर नमित मेेहता ने कहा कि देश में पहली बार यह अभिनव पहल हुई। कृषि बजट निश्चित रूप से किसानों और खेती के लिए फायदेमंद साबित होगा। मेहता ने कहा कि किसानों की सुझाव और प्रस्ताव राज्य सरकार तक पहुंचाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि बीकानेर में आयोजित यह चर्चा काफी अहम रही है, बीकानेर संभाग की भौगोलिक परिस्थितियों और सिंचाई जल आदि की उपलब्धता के मद्देनजर जमीनी स्तर पर किसानों के साथ चर्चा से वास्तविक समस्याएं सरकार तक पहुंच सकेंगी।
संयुक्त सचिव कृषि डॉ एस के सिंह ने बजट के उद्देश्यों के बारे में जानकारी दी और कहा कि प्रदेश की बड़ी आबादी खेती पर निर्भर करती है। कृषि के लिए पृथक से बजट जारी होने से किसानों को खेती में आ रही समस्याओं का त्वरित समाधान संभव होगा।
कृषि विपणन निदेशक सोहनलाल शर्मा ने कहा कि अलग से कृषि बजट में किसानों को मंडी और अपनी फसल को बेचने में आने वाली समस्याओं पर राज्य सरकार विशेष ध्यान दे सकेगी।अतिरिक्त संभागीय आयुक्त ए एच गौरी ने कहा कि किसानों की आय बढ़े, इसके लिए उपलब्ध संसाधनों के अनुरूप शुष्क कृषि, उद्यानिकी और व्यावसायिक फसलों के विशेष प्रशिक्षण पर ध्यान दिया जाए।
कृषि विभाग के अतिरिक्त निदेशक यशपाल महावत ने कहा कि प्रगतिशील किसान ही राज्य में खुशहाली का पैमाना हो सकता है। ऐसे में किसानों की समस्याओं को इस बजट के माध्यम से दूर करने का प्रयास होगा।
संयुक्त निदेशक कृषि डॉ उदयभान ने कहा कि यह किसानों के लिए किसानों के द्वारा बनाया गया बजट होगा। उन्होंने कहा कि किसानों के प्रस्ताव बजट में सम्मिलित करवाने के प्रयास होंगे।
*छोटी जोत के किसानों को मिले लाभ*
चर्चा में भाग लेते हुए बीकानेर के प्रगतिशील किसान वीरेन्द्र कुमार ने कहा कि छोटी जोत के किसानों को भी लाभ मिले, इसके लिए प्रावधान हो। सहायक निदेशक स्तर के कार्यालय पंचायत स्तर पर भी हो।
*ड्रिप सब्सिडी बढ़ाने की मांग*
नोखा के किसान कैलाश कुमार लूणावत ने कहा कि उद्यानिकी फसलों को और अधिक प्रोत्साहन मिले तथा ड्रिप सब्सिडी बढ़े, तो किसानों को प्रत्यक्ष लाभ होगा। हनुमानगढ के दयाराम जाखड़ ने हनुमानगढ में एग्रो फूड पार्क की स्थापना की मांग रखी तथा पक्की डिग्गी निर्माण के आवेदन तत्काल स्वीकृत करवाने की बात कही। श्रीडूंगरगढ़ के नानूराम ने मृदा परीक्षण लैब पुनः खुलवाने व अनार मार्केटिंग की कार्यायोजना बनाई जाने की बात कही। चुरू के कुलदीप शर्मा ने जैविक व हर्बल खेती को बढ़ावा देने का सुझाव रखा। उपनिदेशक कृषि (विस्तार) कैलाश चौधरी ने आगंतुकों का आभार जताया।