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बीकानेर,मेडिकल कॉलेज रोड़ स्थित दम्माणी धर्मशाला में संचालित जे एस बी नर्सिंग संस्था द्वारा अंतरराष्ट्रीय नर्सिंग दिवस समारोह आयोजित किया गया ।  समारोह के मुख्य अतिथि पूर्व प्राचार्य, चिंतक व लेखक प्रोफेसर डॉ. नरसिंह बिनानी, मुख्यवक्ता पीबीएम हॉस्पिटल के सेवानिवृत्त नर्सिंग सुप्रिडेंटेंड डॉ. जगदीश दान बारठ थे ।  अध्यक्षता एड० सुमेरदान बिट्ठू ने की । विशिष्ट अतिथि महेश्वरी धर्मशाला के प्रबंधक इंद्रसिंह बारठ थे।
समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए पूर्व प्राचार्य, चिंतक व लेखक प्रोफेसर डॉ. नरसिंह बिनानी ने कहा नर्सिंग कार्य एक उच्च स्तरीय सेवाकर्म है। अतःनर्सिंग कर्मियों को सभी रोगियों के लिए तन-मन से सेवारत रहना चाहिए ।  प्रोफेसर डॉ. बिनानी ने कहा कि पीड़ित रोगियों की निःस्वार्थ भाव से सेवा करने वाले नर्सिंग स्टाफ की सेवाएं अत्यंत महत्वपूर्ण हैं ।  सभी नर्सिंग स्टाफ की उनकी मानवीयता व संवेदना की भावना के लिए विशिष्ट पहचान है ।
समारोह के मुख्यवक्ता के रूप में बोलते हुए संस्था के निदेशक एवं पीबीएम हॉस्पिटल के सेवानिवृत्त नर्सिंग सुप्रिडेंटेंड डॉ. जगदीश दान बारठ ने कहा कि आधुनिक नर्सिंग की जन्मदात्री सुश्री फ्लोरेंस नाइटेंगल द्वारा, क्रीमिया युद्ध की बिजली, पानी, स्वच्छता, रसद सामग्री, अस्पताल,संचार सुविधाओं आदि के अभाव की विषम परिस्थितियों में अठारह हजार रोगियों की पूर्ण मनोयोग व उत्साह से सेवा की थी ।   सुश्री नाइटेंगल द्वारा इस प्रकार रोगियों की  करना सभी नर्सिंग कर्मचारियों के लिए आज के संदर्भ में अत्यंत प्रेरक है ।  सभी नर्सिंगकर्मी रोगी सेवा ही  प्रथम धर्म की भावना से जो कार्य कर रहे हैं, वह सराहनीय है ।
अध्यक्ष के रूप में बोलते हुए एड० सुमेरदान बिट्ठू ने कहा कि नर्सिंग सेवा के लिए पूर्णतः समर्पित सुश्री फ्लोरेंस नाइटेंगल के जन्मदिन की स्मृति के रूप में यह दिवस वर्ष 1974 से अंतरराष्ट्रीय नर्सिंग दिवस के रूप में मनाया जाता है । विशिष्ट अतिथि के रूप में बोलते हुए इंद्रसिंह बारठ ने कहा कि क्रीमिया युद्ध के दौरान सुश्री नाइटेंगल द्वारा हजारों घायल सैनिकों की आत्मीयता से सेवा करना नर्सिंग कर्मचारियों सहित सभी देशवासियों के लिए अनुकरणीय  है ।  यही आज रोगियों की सेवा के साथ ही देश  की भी सेवा है । समारोह के प्रारंभ में नर्सिंग छात्र मधुसूदन बारठ ने सुश्री फ्लोरेंस नाइटेंगल का जीवन परिचय प्रस्तुत किया। वरिष्ठ चिकित्सक एवं वयोवृद्ध साहित्यकार डॉ. शंकरलाल स्वामी ने इस समारोह में ओनलाइन उपस्थित होकर विश्व नर्सिंग दिवस पर एक कुंडलिया छंद इनके सम्मान में प्रस्तुत करते हुए कहा-
“रोगी करते रोग से, जब जब भी संघर्ष,सेवा सुश्रुषा करे, केवल उनकी नर्स।केवल उनकी नर्स, करे ज्यों निज महतारी।इसीलिए लगती है, इनकी सेवा प्यारी। इनके लिए समान है, रंक धनी योगी।सेवा नर्सेज का धर्म, कोई हो रोगी।”
इस समारोह में  टेकनिशियन हर्षित श्रीमाली, नर्सिंगकर्मी संदीप बारठ, साहब अली, संजना गहलोत, सोहेल पठान, शिवलाल शर्मा, प्रीति, कुनाल, रिद्धू कंवर, शिव लाल शर्मा आदि सहित अनेक गणमान्य जन उपस्थिति थे ।  अंत में संस्था की अध्यक्षा श्रीमती लक्ष्मी बारहठ ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया ।

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