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जयपुर: दी नर्सिंग टीचर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने राजस्थान में नर्सिंग शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर नाराजगी जाहिर की। मंगलवार को एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष पुरुषोत्तम कुंभज ने कहा कि राजस्थान में बिना स्थाई शिक्षकों के नर्सिंग कॉलेज चल रहे हैं। जिसकी वजह से न तो बच्चों को उचित शिक्षा मिल पा रही है। और ना ही मरीजों को उचित उपचार मिल पा रहा है। ऐसे में सरकार को जल्द से जल्द स्थाई तौर पर शिक्षकों की नियुक्ति करनी चाहिए।

टीचर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष पुरुषोत्तम कुंभज ने राजस्थान में बिना स्थाई शिक्षकों के चल रहे नर्सिंग कॉलेजों पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने नर्सिंग ट्यूटर के पदनाम को लेक्चरर इन नर्सिंग में परिवर्तित कर नर्सिंग कॉलेज मैं केडर रिव्यू करते हुए जल्द स्थाई नर्सिंग शिक्षकों की भर्ती की मांग की है। कुंभज ने कहा कि राजस्थान में नर्सिंग शिक्षकों की नियुक्ति नर्सिंग ट्यूटर के पद पर होती है।

लेकिन अपने पुरे कार्यकाल के दौरान वह उसी पद पर रह जाते है। अपने पूरे कार्यकाल के बाद उनका इसी पद से रिटायरमेंट हो जाता है। जिससे नर्सिंग कर्मियों को सम्मान नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि नर्सिंग शिक्षको के केडर रीव्यू करते हुए सबसे पहले सबसे छोटी इकाई एएनएम प्रशिक्षण केंद्रों से पीएचएन के पदों को इंडियन नर्सिंग काउंसिल के मापदंड अनुसार पदनाम को नर्सिंग ट्यूटर में परिवर्तित किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि 168 पीएचएन के पद नर्सिंग ट्यूटर में और 28 नर्सिंग अधीक्षक के पद प्रिंसिपल में परिवर्तित हो जाएंगे। जबकि एएनएम प्रशिक्षण केंद्र पर मृतप्राय पड़े एसएसआई के पद को वाइस प्रिंसिपल के पद में क्रमोन्नत करने की जरुरत है। एसोसियेशन के पधाधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार के नियमानुसार 50% डीपीसी के आधार पर और 50% आरपीएससी के द्वारा चयनित किए जाएं। आरपीएससी द्वारा प्रायोजित परीक्षा में संविदा पर कार्यरत नर्सिंग ट्यूटर को 10, 20 ,30 प्रतिशत का प्रतिवर्ष बोनस दिया जाए।

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