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बीकानेर,एमबीबीएस सीटों के मामले में फिलहाल हम* *आठवें स्थान पर* : तीन जिलों का रोड़ा दूर हुआ तो 40 से ज्यादा होंगे मेडिकल कॉलेज*

*खास खबर*

Medical College सीकर. डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए विदेश जाने वाले विद्यार्थी अब प्रदेश में रहकर ही अपना सपना पूरा कर सकेंगे। दो साल बाद राजस्थान में 32 सरकारी मेडिकल कॉलेज Government Medical College होंगे। वर्तमान में जोधपुर एम्स समेत 16 सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं। राजसमंद Rajsamand, प्रतापगढ़ Pratapgarh और जालोर Jalore जिले में भी यदि स्वीकृति मिल गई तो राज्य का एक भी जिला बिना मेडिकल कॉलेज के नहीं रहेगा। निजी कॉलेजों को शामिल करने पर यह आंकड़ा 40 पर पहुंच जाएगा। सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेज मिलाकर कुल 6 हजार से ज्यादा एमबीबीएस MBBS सीटें होंगी। इससे जहां हर जिले में इलाज की राह आसान होगी वहीं विद्यार्थी कम खर्चे पर मेडिकल की पढ़ाई कम सकेंगे। दरअसल, केंद्रीय प्रायोजित योजना centrally sponsored scheme के तहत जिला/रेफरल अस्पतालों को उन्नत करते हुए देश में 157 नए मेडिकल कॉलेज अनुमोदित किए गए हैं। इनमें से राजस्थान में 23 मेडिकल कॉलेज हैं। जिनमें से सात तो शुरू भी हो चुके हैं।

प्रति हजार जनसंख्या पर होगा एक डॉक्टर
नीति आयोग के सदस्य डॉ. विनोद पॉल Dr. Vinod Paul के अनुसार यदि सब कुछ उम्मीद के मुताबिक रहा तो देश में वर्ष 2024 तक प्रति हजार जनसंख्या पर एक डॉक्टर की व्यवस्था हो जाएगी। डब्ल्यूएचओ WHO के अनुसार यही आदर्श स्थिति है। वहीं नवम्बर 2021 की स्थिति के अनुसार राज्य मेडिकल परिषदों व राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) में एलोपैथी allopathy के 13,01319 डॉक्टर पंजीकृत हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय Union Ministry of Health and Family Welfare के मुताबिक, 80 प्रतिशत पंजीकृत एलोपैथिक डॉक्टरों और 5.65 लाख आयुष डॉक्टरों की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए देश में डॉक्टर-जनसंख्या का अनुपात 1:834 है।

…फिर भी आसान नहीं होगी डॉक्टरी की राह, यों समझें
एमबीबीएस सीटों से ज्यादा बढ़ रहे नीट परीक्षार्थी
वर्ष – पंजीकृत छात्र – उत्तीर्ण विद्यार्थी – सीटों की संख्या
2017 – 11,38,890 – 6,11,539 – 67218
2018 – 13,26,725 – 7,14,562 – 70012
2019 – 15,19,375 – 7,97,042 – 80312
2020 – 15,97,435 – 7,71,500 – 83275
2021 – 16,14,777 – 8,70,074 – 89875

एमबीबीएस सीटों के मामले में हम आठवें पायदान पर
राज्य – सीटें
तमिलनाडु – 10425
कर्नाटक – 9695
महाराष्ट्र – 9450
उत्तरप्रदेश – 8678
गुजरात – 5650
तेलंगाना – 5340
आंध्रप्रदेश – 5210
राजस्थान – 4680
(सत्र 2021-22 के अनुसार सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेज में कुल सीटें)

इस तरह खुल रहे नए सरकारी मेडिकल कॉलेज
केंद्रीय प्रायोजित योजनान्तर्गत राज्य में जिला/रेफरल अस्पतालों से जुड़े नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना तीन चरणों में की जा रही है। अब तक 23 जिलों में नए मेडिकल अनुमोदित हो चुके हैं। इनमें से कई शुरू हो चुके हैं।
चरण एक : बाड़़मेर, भरतपुर, भीलवाड़ा, चूरू, डूंगरपुर, पाली और सीकर
चरण दो : धौलपुर
चरण तीन : अलवर, बारां, बासवाड़ा, चित्तोडग़ढ़, जैसलमेर, करौली, नागौर, श्रीगंगानगर, सिरोही, बूंदी, सवाईमाधोपुर, टोंक, हनुमानगढ़, दौसा, झुंझुनूं।

एक्सपर्ट व्यू : बेहतर होगी उपचार की राह
नए कॉलेज खुलने से राज्य में ज्यादा डॉक्टर तैयार होंगे और ग्रास रूट तक स्वास्थ्य सेवाएं मजबूत होंगी। प्रदेश के लोगों को इलाज के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। प्रदेश में मेडिकल टूरिज्म भी विकसित होगा। एक डॉक्टर, मरीज को ज्यादा समय दे पाएगा। जिससे उसकी बीमारी की गहराई से जांच हो सकेगी। लक्षण आधारित उपचार की बजाय डाइग्नोस लेवल बढ़ेगा। मेडिकल कॉलेजखुलने से केवल चिकित्सा क्षेत्र को ही लाभ नहीं होता बल्कि वहां रोजगार भी बढ़ता है।

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