बीकानेर, बीकानेर समाज का हर वर्ग न्यायपालिका की ओर आशा भरी दृष्टि से देखता है। आम जनता को समय पर एवं सस्ता न्याय दिलाना हम सभी की जिम्मेदारी है। इसमें अधिवक्ताओं की भूमिका भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि अधिवक्ता देश की न्याय प्रक्रिया की एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं।
ये बातें अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पवन कुमार काला ने कहीं. वे सोमवार को खाजूवाला नगर पालिका परिसर में नवसृजित अतिरिक्त जिला न्यायालय एवं सेशन न्यायालय खाजूवाला के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बार और बेंच के बीच आपसी समन्वय जरूरी है.
कार्यक्रम में सिविल जज एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट भाविका कुलहरि ने कहा कि अधिवक्ता समाज के सजग प्रहरी हैं। वह आम लोगों को न्याय दिलाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। बार काउंसिल राजस्थान के पूर्व अध्यक्ष कुलदीप शर्मा एवं वरिष्ठ अधिवक्ता गणेश चौधरी ने कहा कि वादकारियों को सस्ता एवं सुलभ न्याय दिलाना बार एवं बेंच दोनों का काम है। इस दौरान बार एसोसिएशन खाजूवाला अध्यक्ष सलीम खान ने कहा कि अधिवक्ताओं एवं लोगों की एडीजे कोर्ट खोलने की मांग पूरी हो गई है। इसलिए लोगों को सस्ता और सुलभ न्याय दिलाने के लिए बार और बेंच आपसी समन्वय के साथ आगे बढ़ेंगे। अब एडीजे कोर्ट खुलने से लोगों को न्याय के लिए 120 किमी दूर बीकानेर नहीं जाना पड़ेगा, बल्कि लोगों को खाजूवाला में ही सस्ता और सुलभ न्याय मिलेगा।
इससे पहले एडीजे कोर्ट के अतिरिक्त सत्र का संचालन न्यायाधीश पवन कुमार एवं मजिस्ट्रेट भाविका कुलहरि ने बार एसोसिएशन खाजूवाला अध्यक्ष सलीम खान के साथ फीता काटकर किया। इस दौरान खाजूवाला नगर पालिका ईओ सपना सोनी, छत्तरगढ़ बार एसोसिएशन अध्यक्ष एडवोकेट अजीज पंवार, सचिव दिलीप शर्मा, वरिष्ठ अधिवक्ता मनीराम जाखड़, रफीक शाह, पुरूषोत्तम सारस्वत, अरुणा गुलगुलिया सहित खाजूवाला, पूगल व छत्तरगढ़ के अधिवक्ता मौजूद रहे। खाजूवाला सीओ सर्किल के 4 पुलिस थाने व 2 चौकियों का क्षेत्र अब एडीजे कोर्ट में शामिल होगा। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय में अब खाजूवाला सीओ सर्किल का पूरा क्षेत्र शामिल होगा। इस एडीजे कोर्ट में 4 थाने और 2 पुलिस चौकियों का क्षेत्र शामिल होगा. अधिवक्ता पुरूषोत्तम सारस्वत के अनुसार एडीजे कोर्ट में खाजूवाला, पूगल, दंतौर व छत्तरगढ़ थाने के साथ-साथ खाजूवाला की 32 व छत्तरगढ़ की 465 हैड पोस्टें भी शामिल होंगी। अपर सत्र न्यायाधीश पवन काला एवं मजिस्ट्रेट भाविका कुलहरि ने फीता काटकर एडीजे कोर्ट का उद्घाटन किया। इससे पहले बीकानेर में हत्या, हत्या का प्रयास, डकैती, बलात्कार, लूट और एनडीपीएस एक्ट आदि सेशन ट्रायल केसों की सुनवाई होती थी। लेकिन अब एडीजे कोर्ट खाजूवाला में धारा 302, 307, 308, एनडीपीएस एक्ट आदि की सुनवाई से लोगों और अधिवक्ताओं दोनों को राहत मिलेगी। इसके अलावा पहले मामले बीकानेर जाते थे और फिर सुनवाई जोधपुर हाईकोर्ट में होती थी. लेकिन अब एडीजे कोर्ट खुलने से वह खाजूवाला से बीकानेर की बजाय सीधे जोधपुर जाएंगे। अतः समय और धन दोनों की बचत होकर आम आदमी को राहत मिलेगी।