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प्रदेशभर के प्राइवेट स्कूलों में चल रही सरकारी योजनाओं की जांच के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों को अब 30 नवंबर तक का समय दिया गया है। इन स्कूलों का निरीक्षण बहुत धीमी गति से होने के कारण डेट्स में बढ़ोतरी की गई है।

माध्यमिक शिक्षा निदेशक कानाराम ने बुधवार को इस संबंध में निर्देश जारी किए।

राज्य के प्राइवेट स्कूलों में इन दिनों शिक्षा का अधिकार (RTE) के अलावा इंदिरा महिला शक्ति निधि और मुख्यमंत्री पुर्नभरण योजना के तहत स्टूडेंट्स को आर्थिक सहायता दी जाती है। ये राशि सही स्टूडेंट्स तक पहुंच रही है या नहीं, इसकी जांच हर साल होती है। आरटीई के तहत पढ़ रहे स्टूडेंट्स अब तक स्कूल में है या नहीं? इसकी छानबीन करने और तमाम रिकार्ड्स देखने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारी स्कूल पहुंचते हैं। वहां एक-एक रिकार्ड काे देखा जाता है। यहां तक लाभ लेने वाले स्टूडेंट्स से भी अधिकारी मिलते हैं। इसके बाद ही प्राइवेट स्कूल्स को भुगतान करता है।

प्राइवेट स्कूलों के निरीक्षण का काम इसी सप्ताह पूरा होना था लेकिन जांच की स्पीड कम होने के कारण अब डेट्स को आगे बढ़ाकर तीस नवंबर कर दिया गया है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक कानाराम ने बताया कि भौतिक सत्यापन के बाद सात दिन के भीतर स्कूलों को रिपोर्ट को ऑनलाइन भेजना होगा। वहीं पंद्रह दिन के भीतर जिला शिक्षा अधिकारी को इस प्रतिवेदन रिपोर्ट को सत्यापित करना होगा। इसके बाद ही स्कूलों को भुगतान देने का प्रोसेस आगे बढ़ सकेगा।

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