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बीकानेर,राजस्थान की कांग्रेस सरकार में गहलोत-पायलट के बीच आपसी सत्ता संघर्ष का अब पटाक्षेप होना तय है। कयासों, घोषणाओं औऱ उम्मीदों के पुल बार-बार बनने और टूटने का सिलसिला अब थमने वाला है। राजस्थान के पार्टी प्रभारी अजय माकन की मंत्री मण्डल में फेरबदल औऱ नियुक्तियों की तिथियों की कई बार घोषणाएं झूठी साबित होने, राष्ट्रीय कांग्रेस के आश्वासन से कोई हल नहीं निकलने से बनी ऊहापोह की स्थिति अब साफ होगी। अशोक गहलोत सरकार के तीन साल पूरे होते होते पार्टी के नेताओं की बार्ड, निगम, आयोगों तथा सरकारी स्तर पर राजनीतिक नियुक्तियों होने की तैयारी है। ये नियुक्तियां सरकार के शेष दो साल के कार्यकाल के लिए होनी है। पंजाब में कांग्रेस में मुख्यमंत्री बदलने से बने हालात के बाद अब राजस्थान में अशोक गहलोत के सामने पहले जैसे दबाव के हालात नहीं है। कांग्रेस सरकार में शामिल समर्थक विधायकों औऱ पायलट समर्थकों को सरकार में भागीदारी दी जानी है। 30 मंत्रियों की सरकार में 14-15 नए चेहरे शामिल किए जा सकते हैं। नगर विकास न्यास, बार्ड, निगमों औऱ सरकारी नियुक्तियों से बडी संख्या में कांग्रेस के नेताओं की भागीदारी सुनिश्चित होने का समय आ गया है।

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