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बीकानेर,आजकल दिनो दिन बदलती लाइफ स्टाइल एवं तनाव पूर्ण दिनचर्या से बी.पी. के मरीजों की संख्ख्या मे काफी इजाफा हो गया है जो आजकल पाँच दवाये लेने के बाद सी बी.पी कंट्रोल नहीं होता है। जिससे ऐसे मरीजो की लकवा मारने एवं हार्ट अटैक से जल्दी मृत्यु हो जाती है। साथ ही आजकल 20 से 30 वर्ष की उम्र में भी बी.पी की समस्या देखी जा रही है। आयुष्मान हाई केअर सेन्टर के मुख्य हृदय रोग विषेषज्ञ डॉ बी.एल स्वामी ने बताया की अब जिन मरीजों का पाँच या अधिक दवाओं से बी.पी कंट्रोल नहीं होता है उनमे रिनल डिनर्वेशन थैरेपी (आर. डी.एन) से काफी हद तक बी.पी कंट्रोल किया जा सकता है। इस थैरेपी से दवाओं की संख्या कर सकते है कम कर सक एक कुछ मरीजों की भविष्य मे बी.पी की दवाएं बंद भी कर सकते। डा,स्वमी ने बताया की आर. एन. डी का यह सम्पूर्ण राजस्थान इस तरह का दुसरा केस किया है। इस केस में मरीज का बी.पी 300 एम. एम. एच. जी हो जाता था जिससे बेन हेमरेज एवं हार्ट अटैक का काफी खतरा था। इस थैरेपी के बाद मरीज का बी.पी कंट्रोल है। धीरे-2 बी.पी की दवाईयाँ भी कम होने की संभावना है। यह बीकानेर संभाग का पहला कैस है। रिनल

डिनर्देशन थैरेपी क्या है? यह एंजियोग्राफी की तरह होने वाला बिना किसी चिरफाड़ के छोटे से छेद से किया जाने वाला इन्टरवेन्शन है। उसमे तार के उपर गुर्दे की नसू मे रेडियो फ्रिक्वेन्शी अब्लेशन उलेक्ट्रॉउ ले जाकर गुद्दे को ब्लड़ सप्लाई करने नस के चारो तरफ पाये जाने वाली नर्स को जलाकर बीपी का हम परमानेन्ट इलाज किया गया यह थैरेपी रेसिटेन्ट हाइपरटेन्शन के मामलो में काफी कारगार है। बता दे कि डॉ बी.एल स्वामी बीकानेर में लगातार नवाचार के जरिये इलाज के लिये जाने पहचाने जाते है। संभाग मे लिये ये इससे अब बीकानेर बी.पी के नवाचार राहत मरीजों के खबर है।

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