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बीकानेर आगामी ग्रीष्मावकाश में अगर कोई शिक्षक कहीं घूमने अथवा घर पर बैठने की सोच रहा है, वह गलत सोच रहा है। क्योंकि सरकार ग्रीष्मावकाश में शिक्षकों को प्रशिक्षण देने की कार्य योजना बना रही है। इस पर मुहर लगनी बाकी है। इस संबंध में गत दिनों स्कूल शिक्षा एवं भाषा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान दक्षता पहल (एफएलएन) के प्रभावी क्रियान्वयन एवं सफल संचालन के लिए राज्य स्तर पर स्टेट स्क्रीनिंग कमेटी का गठन कर इसकी बैठक आयोजित की गई थी।

बैठक में मुख्य रूप से इस संबंध में चर्चा की गई कि एफएलएन को मिशन मोड में संचालित करने एवं नियमित लक्क्ष्यों को प्राप्त करने के लिए शिक्षकों के क्षमता संवर्द्धन के लिए प्रशिक्षण आयोजित किया जाना अपेक्षित है।

इसके लिए ग्रीष्मावकाश में शिक्षकों के प्रशिक्षण आयोजित करने के लिए कार्य योजना बनाने पर विचार किया गया। इस प्रशिक्षण की जिम्मेदारी निदेशालय, आरएससीआरटी उदयपुर एवं किया जाएगा। प्रशिक्षण प्रकोष्ठ स्कूल शिक्षा को सौंपी गई है। इसके अलावा लर्निंग गैप्स को पूर्ण करने के लिए उपलब्ध कराई जा रही कार्य पुस्तिकाओं की विषय वस्तु को पाठ्यपुस्तकों में शामिल करने पर चर्चा की गई। इसकी आरएससीआरटी उदयपुर एवं प्रशिक्षण प्रकोष्ठ स्कूल शिक्षा को सौंपी गई है। साथ ही विद्यार्थियों की प्रगति के आकलन के लिए उपलब्ध कराए जा रहे रिपोर्ट कार्ड के माध्यम से शैक्षिक प्रगति को अभिभावकों के मध्यनियमित अंतराल पर साझा करने को कहा गया है।

बैठक में शिक्षक अभिभावक बैठक एवं विद्यालय प्रबंधन समिति को सशक्त करने पर जोर दिया गया। इसके अलावा एफएलएन के संदर्भ में तैयार की जा रही टीचर हैड बुक के लिए कमेटी बनाने पर भी चर्चा की गई। इसमें शिक्षा निदेशालय, आरएनसीईआरटी उदयपुर तथा राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद तथा यूनिसेफ के प्रतिनिधियों को शामिल, किया जाएगा।

इस बैठक में बच्चों की माताओं की उपस्थिति को बढ़ाने के लिए प्रयास और उनसे विद्यार्थियों की प्रगति को साझा किये जाने पर भी जोर दिया गया। इसके अलावा बैठकों में माताओं के साथ-साथ दादा-दादी तथा नाना नानी एवं घर के बड़े बुजुर्गों को भी बैठक में बुलाने पर बात हुई। ताकि उनके अनुभवों से शिक्षकों और विद्यार्थियों को लाभ मिल सके।

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