बीकानेर.मेडिकल कॉलेजों से सम्बद्ध अस्पतालों में कार्यरत रेजिडेंट डॉक्टरों का तनाव दूर करने के लिए राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) ने कवायद तेज कर ही है। रेजिडेंट डॉक्टरों की तरफ से लगातार मिल रही शिकायतों के बाद एनएमसी के इसके लिए विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए हैं। एनएमसी ने सभी मेडिकल कॉलेजों को रेजिडेंट डॉक्टरों को पर्याप्त आराम उपलब्ध करवाने के लिए साप्ताहिक अवकाश देने को कहा है। साथ ही आवश्यकता होने पर उनका अवकाश स्वीकृत करने के भी निर्देश दिए हैं। इसके अलावा तनाव मुक्त रखने के लिए समय-समय पर योग सत्र आयोजित करने के लिए निर्देशित किया है। एनएमसी ने रेजिडेंट चिकित्सकों की तनाव मुक्ति और उन्हें कार्यस्थल पर बेहतर माहौल उपलब्ध करवाने के लिए समुचित प्रबंध कर कॉलेजों को विस्तृत रिपोर्ट भेजने को कहा है। रेजिडेंट चिकित्सकों ने लगातार काम करने, साप्ताहिक अवकाश नहीं मिलने और आपातकालीन परििस्थतियों में भी अवकाश स्वीकृत नहीं किए जाने जैसी शिकायतें की थी। इसके बाद एनएमसी के पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन बोर्ड ने हाल में बैठक कर इस संबंध में विस्तृत गाइडलाइन के साथ दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
कमेटी करेगी शिकायतों का समाधान
एनएमसी ने मेडिकल कॉलेज स्तर पर एक विशेष कमेटी गठित करने के भी निर्देश दिए हैं। यह कमेटी ई-मेल और ड्रॉप बॉक्स में मिलने वाली शिकायतों का अध्ययन कर उनका समुचित समाधान करेगी। एनएमसी का मानना है कि रेजिडेंट चिकित्सकों का तनाव मुक्त रहना उनके साथ उनके मरीजों के स्वास्थ्य और उपचार के लिए बेहद जरूरी है।
कॉलेज में 25 सीसीटीवी कैमरे, 24 घंटे रिकॉर्डिंग
एनएमसी ने मेडिकल कॉलेज में कम से कम 25 कैमरे लगाने के निर्देश भी दिए हैं। बीकानेर के एसपी मेडिकल कॉलेज समेत अन्य मेडिकल कॉलेजों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम शुरू भी हो चुका है। एमएनसी की ओर से कॉलेजों को भेजे पत्र में कॉलेज एवं अस्पताल के मुख्य द्वार पर एक, मरीज पंजीकरण केन्द्र पर दो, अस्पताल में मेडिसिन, सर्जरी, गायनिक, पीडियाट्रिक एवं अन्य ओपीडी के अनुसार पांच, ऑपरेशन थियेटर के एनेिस्थसिया व रिकवरी क्षेत्र में दो, फैसिलिटी एवं अटेंडेंस मार्किंग एरिया में दो, सभी पांचों लेक्चरर थियेटर में पांच, एनाटॉमी डिस्सेक्शन हाल में एक, फिजियोलॉजी, बायो कैमेस्ट्री व यूजी लैब में दो, पैथ एवं माइक्रो बायोलॉजी लैब में दो, फार्माकोलॉजी लैब, मरीज प्रतीक्षालय, इमरजेंसी एवं आपातकालीन वार्ड में एक-एक सीसीटीवी लगाने के निर्देश दिए हैं। इन कैमरों से 24 घंटे रिकॉर्डिंग होगी।
फैक्ट फाइल : एसपी मेडिकल कॉलेज
2000 स्वीकृत बैड
2200 से अधिक लगे हैं बैड
7000 से 7500 की ओपीडी
500 से 550 मरीज हर रोज भर्ती
3 बैच रेजिडेंट चिकित्सकों के
144 रेजिडेंट चिकित्सक हर बैच में
कहां-कितने रेजिडेंट चिकित्सक
जयपुर में 1022, बीकानेर में 328, जोधपुर में 322, अजमेर में 287, झालावाड़ में 184, कोटा-उदयपुर में करीब 600 रेजिडेंट चिकित्सक हैं।
रेजिडेंट चिकित्सकों को तनावमुक्त रखने के लिए एनएमसी के निर्देशों की पालना की जा रही है। कार्य व्यवस्था के अनुसार रेजिडेंट चिकित्सकों को अवकाश दिए जाते हैं। लेकिन आपात परििस्थतियों में कई बार व्यवस्था गड़बड़ा जाती है। कैमरे लगवाए जा रहे हैं। सुरक्षा के लिहाज से सुरक्षाकर्मी बढ़ाए गए हैं। वार्डों में मरीजों को देखने के बाद आराम एवं पढ़ाई करने के लिए कक्ष तैयार करवा रहे हैं।
डॉ. मोहम्मद सलीम, प्राचार्य, एसपी मेडिकल कॉलेज
रेजिडेंट चिकित्सकों का ड्यूटी टाइम निश्चित नहीं है। मरीजों के भार के चलते वे अपना थिसिस व अध्ययन संबंधी काम समय पर नहीं कर पाते हैं। साप्ताहिक अवकाश तो दूर की बात, घरेलू व जरूरत पड़ने पर भी अवकाश नहीं मिलता। जहां ड्यूटी करते हैं वहां पर बैठने, पढ़ने व आराम करने की कोई सुविधा नहीं है। इससे रेजिडेंट के मानसिक स्वास्थ्य एवं कार्य करने की क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
डॉ. राकेश चौधरी, अध्यक्ष, रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन एसपी मेडिकल कॉलेज