बीकानेर/साझी विरासत के तत्वावधान में भीनासर ,बीकानेर निवासी एवं बेंगलुरु तथा कोलकाता प्रवासी राजस्थानी भाषा के प्रबल समर्थक श्री गौरीशंकर सारडा एवं गोकुलदास सारडा का ब्रह्म बगीचा में अभिनंदन किया गया।
साझी विरासत के तत्वावधान में एडवोकेट हीरालाल हर्ष के सानिध्य में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर नरसिंह बिन्नाणी थे तथा अभिनंदन समारोह की अध्यक्षता हिन्दी-राजस्थानी के वरिष्ठ साहित्यकार कवि- कथाकार राजेन्द्र जोशी ने की तथा कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि समाजवादी चिंतक नारायण दास रंगा रहे।
कार्यक्रम के प्रारंभ में ब्रह्म बगीचा प्रन्यास के व्यवस्थापक बृजगोपाल जोशी ने ब्रह्म बगीचा के इतिहास एवं विकास से सम्बंधित विस्तार से जानकारी देते हुए स्वागत उद्बोधन दिया।
अध्यक्षीय उद्बोधन में राजेन्द्र जोशी ने कहा कि आने वाला समय उत्तर पश्चिम राजस्थान का महत्वपूर्ण समय है, जोशी ने प्रवासी उद्योगपतियों से आवाह्न किया कि वह अब बीकानेर एवं उत्तर पश्चिम राजस्थान में अपनी विरासत को संरक्षित करते हुए नए उद्योग स्थापित करावें, उन्होंने कहा कि यह उचित समय है प्रवासी अपनी माटी से जुड़कर एवं जन्मभूमि के प्रति ऋण उतारने का उचित समय है। जोशी ने कहा कि यहां सौर्य ऊर्जा एवं मिनरल्स प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है । जोशी ने कहा की सारडा परिवार भीनासर में सामाजिक सरोकार के कार्यों में सदैव अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं, इसलिए इनके सम्मान में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि नरसिंह बिन्नाणी ने सारडा बंधुओं के व्यक्तित्व-कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि बीकानेर के सामाजिक और आर्थिक उत्थान में प्रवासियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। बिन्नाणी ने कहा की प्रवासी उद्योगपतियों की नई पीढ़ी को अपनी माटी की ओर आकर्षित करना सबसे बड़ी चुनौती है।
अपने सम्मान के प्रतिउत्तर में गौरीशंकर सारडा ने आभार प्रकट करते हुए कहा कि उनके परिवार की प्रारंभ से ही पर्यावरण एवं आध्यात्मिक कार्यों में रुचि रही है सारडा ने भीनासर गोचर आंदोलन में उनके द्वारा योगदान के संस्मरण सुनाये । सारडा ने गोचर आन्दोलन में बीकानेर आकर एक कार्यकर्ता के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। सारडा ने ब्रह्म बगीचा में पर्यावरण के प्रति किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा की। गौरीशंकर सारडा एवं गोकुल दास सारडा ने कहा कि बीकानेर में अब बदलते समय में व्यापार एवं उद्योग की प्रबल संभावनाएं दिखाई देती है, उन्होंने भरोसा दिया कि आने वाली पीढ़ी को बीकानेर में व्यापार – उद्योग के लिए वह प्रेरित करने का कार्य करेंगे।
कार्यक्रम में श्रीमती पुष्पा देवी
सारडा एवं श्रीमती संतोष देवी सारडा ने बीकानेर में बिताए समय की यादें साझा की।
इस अवसर पर समाजवादी चिंतक नारायण दास रंगा ने पश्चिम क्षेत्र कि विशेषताओं पर अपनी बात रखते हुए सभी का आभार प्रकट किया। कार्यक्रम में मुरली मनोहर पुरोहित ने भी विचार रखें।