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बीकानेर,जयपुर, 16 अगस्त। प्रदेश में वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल में जल जीवन मिशन (जेजेएम) की शुरूआत से लेकर अब तक ग्रामीण क्षेत्रों में ‘हर घर नल कनेक्शन‘ की संख्या 9 लाख के पार पहुंच गई है। वर्तमान में प्रदेश के 43 हजार 323 गांव और ढ़ाणियों में एक करोड़ एक लाख 32 हजार 274 परिवारों में से 20 लाख 74 हजार 753 से अधिक परिवारों को ‘हर घर नल कनेक्शन‘ के माध्यम से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है।

जलदाय मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने यह जानकारी देते हुए बताया कि मौजूदा राज्य सरकार के कार्यकाल में अगस्त 2019 में जेजेएम के आरम्भ होने के बाद से सभी जिलों में ग्रामीण परिवारों को ‘हर घर नल कनेक्शन‘ की सघन मुहिम चलाई जा रही है। उन्होंने बताया कि जेजेएम की शुरुआत से पहले प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में ‘हर घर नल कनेक्शन‘ की संख्या 11 लाख 74 हजार 131 थीं। इस मिशन के आरम्भ होने के बाद मौजूदा सरकार द्वारा अब तक 9 लाख 622 परिवारों को ‘हर घर नल कनेक्शन‘ की सुविधा और प्रदान की गई है। इसके साथ ही अब तक प्रदेश के 635 गांवों तथा 67 ग्राम पंचायतों के सभी घरों में ‘हर घर नल कनैक्शन‘ दिए जा चुके हैं।

डॉ. कल्ला ने बताया कि राज्य में चालू वित्तीय वर्ष में 30 लाख ‘हर घर नल कनेक्शन‘ तथा वर्ष 2024 तक सभी ग्रामीण परिवारों को ‘हर घर नल कनेक्शन‘ की सुविधा देने के लक्ष्य को प्राप्त करने पर वृहद पैमाने पर कार्य किया जा रहा है। गत फरवरी माह से अब तक आयोजित राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति (एसएलएसएससी) की 6 बैठकों के बाद अब प्रदेश के करीब 27 हजार 268 गांवों में 69 लाख 50 हजार से अधिक ‘हर घर नल कनेक्शन‘ की स्वीकृतियां उपलब्ध है। इनके विरूद्ध करीब 10 हजार गांवों की तकनीकी स्वीकृतियां तथा 9 हजार 500 से अधिक निविदाएं जारी की जा चुकी है। साथ ही 2419 गांवों में 7 लाख 71 हजार से अधिक ‘हर घर नल कनैक्शन‘ देने के कार्यादेश जारी किए जा चुके हैं, वर्तमान में करीब 5 लाख 45 हजार ‘हर घर नल कनेक्शन‘ का कार्य मौके पर चल रहा है।

जलदाय मंत्री ने बताया कि जेजेएम की सपोर्ट गतिविधियों के तहत ग्रामीणों की सहभागिता को बढ़ावा देते हुए ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों (वीडब्ल्यूएससी) के गठन में राजस्थान देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। राज्य के 43 हजार 323 गांवों में से अब तक 43 हजार 204 में वीडब्ल्यूएससी का गठन करते हुए 99.72 प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त की गई है। विलेज एक्शन प्लान (वीएपी) बनाने का कार्य भी तेजी से जारी है। अब तक राज्य के करीब 12 हजार गांवों के वीएपी बनाए जा चुके हैं।
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