बीकानेर। रक्तदान शिविर लगाने वाली संस्थाओं को अब कई पेचीदगियों से जूझना पड़ेगा। इतने माथापच्ची करने के बावजूद भी शिविर लगा सकेंगे या नहीं यह कंफर्म नहीं हो पाएगा। शिविर की अनुमति संबंधित अस्पताल एवं जिला औषधी अधिकारी से लेनी होगी। सरकार ने रक्तदान शिविर लगाने के संदर्भ में नए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य (गु्रप-2) विभाग के प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोरा ने दिशा-निर्देश संबंधी प्रदेश के सभी सरकारी अस्पताल, ब्लड बैंक प्रभारियों को परिपत्र भेजा है।
यह भी होगा
परिपत्र में बताया गया है कि राज्य में स्थापित ब्लड बैंक, ब्लड स्टोरेज, यूनिट के लिए औषधि नियंत्रक, औषधि नियंत्रण संगठन राजस्थान जयपुर की ओर से एकीकृत ऑनलाइन पोर्टल विकसित एवं संचालित किया जाए। प्रदेश में संचालित प्रत्येक ब्लड बैंक का रियल टाइम डाटा पोर्टलपर उपलब्ध कराना होगा। ब्लड बैंक, ब्लड स्टोरेज यूनिट पर ब्लड यूनिट्स की उपलबधता, ब्लड गु्रप सहित, अवधिपार रक्त की सूचना, राज्य एवं राज्य से बाहर प्रति यूनिट रक्त के आदान-प्रदान की संपूर्ण प्रक्रिया ऑनलाइन करनी होगी।
शिविर लगाने से कतराएंगी संस्थाएं
सरकार ने रक्तदान शिविर की नई व्यवस्थाओं से संस्थाएं कतराएगी। महीनों की मशक्कत के बाद अगर एनवक्त पर अनुमति नहीं मिली तो संस्था का समय व परिश्रम दोनों व्यर्थ जाएगा। इसलिए आने वाले दिनों में रक्तदान शिविरों में कमी आ सकती है। साथ ही शिविरों में कमी से ब्लड स्टोरेज भी कम होगा।
यह है दिशा-निर्देश
– ब्लड बैंक, संस्थान रक्तदान शिविर लगाने से १० दिन पहले संबंधित सहायक औषधि नियंत्रक को पूर्वानुमति के लिए प्रार्थना-पत्र देना होगा।
– शिविर लगाने का स्थान, ब्लड टेस्टिंग के लिए प्रशिक्षित चिकित्सक, टैक्नीशियन, उनके मोबाइल नंबर आदि सूचना के साथ आवेदन करना होगा।
– सहायक औषधि अधिकारी शिविर के लिए स्वयं, संबंधित औषधि नियंत्रण अधिकारी से निर्धारत स्थान का निरीक्षण करवा कर रिपोर्ट के बाद अनुमति देंगे।
– शिविर लगाने वाले ब्लड बैंके अधिकारी की ओर से शिविर संपन्न होने की सूचना देंगे।
दस दिन पहले करना होगा आवेदन
रक्तदान शिविर लगाने वाली संस्थान को १० दिन पहले पीबीएम अधीक्षक या ब्लड बैंक में संबंधित अधिकारी को आवेदन करना होगा। संस्थान के आवेदन को सहायक औषधि नियंत्रण के समक्ष भेजा जाएगा। वहां से पांच दिन अनुमति देनी है या नहीं देनी इस संबंध सूचना दी जाएगी। इसके बाद ही शिविर लगाया जा सकेगा।
डॉ. एनएल महावर, प्रभारी ब्लड बैंक पीबीएम अस्पताल