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बीकानेर,फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) ने राजस्थान के तीन जिलों को बड़ी सौगात दी है. अब तक तो आपने देखा होगा कि अस्पताल में लोग अपनी बीमारियों से जुड़ी जांचें कराने जाते थे. लोगों के लिए ही जांच करने के लिए मशीनें लगी हुई हैं, लेकिन अब हॉस्पिटल में खाद्य पदार्थों से जुड़ी जांचें भी होगी. इसके लिए एफएसएसएआई ने राजस्थान के तीन जिलों को अत्याधुनिक मशीनें दी हैं जिनसे पेस्टीसाइड और कैमिकल सहित अन्य जांचे होंगी. जिससे लोगों को खाद्य पदार्थों से होने वाली बीमारियों की रोकथाम की जाए. यह मशीनें जयपुर, जोधपुर और उदयपुर में स्थापित कर दी गई हैं.

खाद्य विश्लेक डॉ. रवि सेठी ने बताया कि प्रदेश में अभी 11 लेब हैं, लेकिन इनमें सामान्य जांचे होती है. जैसे दूध की देखे तो फेट कितना है, पानी की मिलावट कितनी है कोई अन्य पदार्थ तो नहीं मिला रखा जांचें होती है. अब जो मशीन लगाई गई हैं उसमें जांच सकते हैं कि जानवरों को लगने वाले इंजेक्शन या दवाइयों का ज्यादा असर दूध में तो नहीं आ रहा. दूध में ऐसे कंटेंट जो एफसीआई से जारी किए हुए हैं उनसे ज्यादा तो नहीं.

इन मशीनों से दूध-सब्जी-फल- तेल- अनाज-तिलहन सहित अन्य सभी खाद्य पदार्थों में पेस्टिसाइड्स, मेटल, एंटीबायोटिक, हार्मोन, बेटरनरी ड्रग सहित 625 तरह की जांचे की जाएंगी. अब तक प्रदेश में इन घातक धातुओं और कैमिकल की जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं थी.

अभी फूड इंस्पेक्टर जो भी सेम्पल कलेक्ट कर रहे हैं उनकी जांचें शुरू कर दी गई है. हालांकि अभी तय नहीं है कि आम व्यक्ति अगर जांच कराना चाहेगा तो उसके लिए क्या सुविधा होगी. अभी जो जांचे हो रही हैं उसका प्रति जांच आम व्यक्ति से 1000 रुपये ले रहे हैं. अभी जो तीन मशीनें लगी हैं उनकी लागत 7 करोड़ रुपये हैं. जिसमें से एक धातुओं की जांच करेगी और दूसरी जानलेवा रसायन बताएगी और तीसरी वेटरनरी ड्रग्स बताएगी.

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