बीकानेर,राज्य के महात्मा गांधी स्कूल्स में एडमिशन के लिए अब भामाशाहों को अधिकार दिए गए हैं। शिक्षा विभाग ने शनिवार को जारी आदेश में पचास लाख रुपए से अधिक दान देने वाले भामाशाहों को हर क्लास में दो और अधिकतम दस स्टूडेंट्स को एडमिशन देने का अधिकार होगा। इसी शिक्षा सत्र से ये आदेश लागू होगा।
राज्य सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि महात्मा गांधी स्कूल्स व अंग्रेजी माध्यम स्कूल्स में पचास लाख रुपए से अधिक राशि व्यय करने वाले अथवा पचास लाख रुपए देने वाले भामाशा की अभिशंषा पर दो स्टूडेंट्स का एडमिशन हर क्लास में हो सकता है। ऐसे में हर भामाशाह पूरी स्कूल में दस स्टूडेंट्स का एडमिशन करवा सकेगा। इस आदेश से पचास लाख रुपए में उसे हर साल दस एडमिशन करवाने का अधिकार मिल गया है। ये कोटा स्कूल में आवंटित सीट्स के अतिरिक्त होगा। जिन स्कूल्स में सामान्य तौर पर क्लास में तीस सीट है, वहां अब दो स्टूडेंट्स भामाशाह की सिफारिश पर एडमिशन ले सकेंगे। ऐसे में यहां अब 32 सीट हो गई है।
ऐसे में भामाशाहों की सीट्स हर क्लास में बढ़ती जाएगी। इस साल क्लास एक में भामाशाह कोटे से एडमिशन लेने वाले दो स्टूडेंट्स क्लास सेकंड में पहुंच जाएगा। अगले वर्ष उसी क्लास में फिर भामाशाह दो स्टूडेंट्स को एडमिशन देंगे तो ये संख्या बढ़कर चार हो जाएगी और उससे अगले साल छह होगी। हर साल बढ़ने वाली संख्या के कारण स्कूल्स में टीचर्स की जरूरत भी बढ़ेगी।
इससे पहले महात्मा गांधी स्कूल्स में शिक्षा विभाग के कर्मचारियों का कोटा निर्धारित किया गया था। तब हर साल महात्मा गांधी स्कूल्स में तय सीटों के अतिरिक्त सीट्स पर एडमिशन होता था। बाद में इस कोटे को बंद कर दिया गया। अब भामाशाहों को ये अधिकार दिया गया है।
भामाशाहों को एडमिशन में कोटा देने का ये पहला मामला है। आमतौर पर सरकारी मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, सार्वजनिक स्थानों पर भामाशाह करोड़ों रुपए खर्च करते हैं लेकिन इस तरह एडमिशन का कोटा उन्हें कहीं नहीं मिलता।