Trending Now




बीकानेर,कला जगत से जुड़े कलाकारों को राहत देने के लिये राज्य सरकार ने उन्हे सौ दिन का रोजगार देने की योजना बनाई है। सरकार के निर्देशों पर पर्यटन विभाग की ओर से बीकानेर समेत प्रदेशभर के कलाकारों का डाटाबेस तैयार किया जा रहा है। इसके पीछे मंशा इनको प्लेटफार्म उपलब्ध कराने के साथ मिनिमम रोजगार गारंटी देना माना जा रहा है। बीकानेर में विभिन्न कला विधाओं से जुड़े कलाकारों को इससे फायदा होगा, जो पीढ़ी दर पीढ़ी कला से जुड़े हैं। राज्य सरकार के निर्देशानुसार राजस्थान संगीत नाटक अकादमी ने सभी कलेक्टर और पर्यटन विभाग के माध्यम से यह कार्रवाई शुरू की। एसडीएम अपने क्षेत्र के लोक कलाकारों का डेटाबेस तैयार करवाएंगे। सरकार चाहती है कि कलाकारों एवं सांस्कृतिक संस्थाओं का पोर्टल तैयार हो जाए ताकि प्रमाणिक डेटाबेस के साथ उसे शेयर किया जा सकेगा। लोक कलाकारों को संबंधित एसडीएम के जरिये पोर्टल पर डेटा देना होगा। इससे पहले साल1992 में राज्य में कई जिलों में कलाकारों का डेटाबेस तैयार हुआ था। अब 31 साल बाद प्लानिंग हुई। वैसे राजस्थान में पर्यटन क्षेत्र के कारण हजारों कलाकारों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोजगार मिलता है। तीन साल पहले कोरोना और लॉकडाउन ने इनको भी मुश्किल में डाल दिया था। डेटाबेस व रिकार्ड नहीं होने से फायदा नहीं मिला।

इन्हें मिलेगा योजना का फायदा
संगीत कला में गायक, वादक एवं अन्य, मेकअप कलाकार, नृत्य कला में शास्त्रीय, समसामयिक, पश्चिमी, लोक, जनजातीय व अन्य कला में नाटक, थिएटर, नुक्कड़ नाटक, तमाशा व नट कला, दृश्य कला में पेंटिंग में उस्ताकला,वाटर कलर, ऑयल एक्रेलिक , स्केच आर्ट, मंडाला आर्ट प्रिंट मेकिंग, वुडकट, एम्ब्रॉयडरी आर्ट, डिजिटलआर्ट, ग्राफिक आर्ट, विजुअल आर्ट में अस्कल्प्चर, सिरेमिक्स, ब्लू पॉटरी सहित पॉटरी, टेक्सटाइल ब्लॉक मेकर्स, रंगोली/मांडना / फ्लोर अथवा बॉल आर्ट, ज्वैलरी देवा या मोनाकारी अथवा कुंदन , टैटू आदि, घूमंतू कला में केश सज्जा, सर्कस, कठपुतली, बहरूपिया, डकाफ्ट में बुनाई, कढ़ाई, क्रोशेट, शटल फोटोग्राफी, बढ़ई का डेटाबेस तैयार किया जाएगा।

100 दिन रोजगार देने की मंशा
पोर्टल से कलाकारों को सरकारी योजनाओं की जानकारी मिलती रहेगी। उनको आर्थिक मदद भी मिल सकेगी। सरकार की मंशा मनरेगा की तर्ज पर कलाकारों को साल में कम से कम 100 दिन रोजगार की गारंटी भी है। सरकारी योजनाओं के प्रचार प्रसार के लिए निकाय व पंचायत स्तर से लेकर जिला स्तर, चिकित्सा विभाग, जल संरक्षण, कृषि आदि विभागों की ओर से कार्यक्रम कराए जाते हैं। यदि कलाकारों का ब्लाकवार डेटा तैयार होगा तो कलाकारों से उनकी विधाओं के अनुसार बुलाकर प्रचार करा सकेंगे। ग्रामीण, धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की योजनाओं से भी जोड़ा जा सकेगा। अभी तक कई बार शिकायत आती है कि अक्सर बार-बार उन्हीं कलाकारों को ही अवसर मिलता हैं जो पहले से परफॉर्म करते आए हैं या जिनकी पहुंच है।

Author