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बीकानेर,जिले में कांग्रेस राज के दौरान छत्तरगढ़ में हुए छह हजार बीघा जमीनों के फर्जी आवंटन से जुड़े मामले की तरह पूगल में हुए हजारों बीघा फर्जी जमीनों आवंटन से जुड़े मामले में भी सिस्टम का एक्शन शुरू हो गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पूगल में हजारों बीघा जमीनों के फर्जी आवंटन से जुड़े इस मामले में प्रथम दृष्टया दोषी पाये जाने पर कुछ पटवारियों को निलम्बित किया गया है,इसके अलावा तत्कालीन तहसीलदार को भी निलम्बित करने के लिये राजस्व विभाग से अनुशंषा की गई है। हालांकि जिला कलक्टर नम्रता वृष्णि ने इस मामले में अधिकारिकत तौर पर किसी तरह की जानकारी नहीं दी है। बताया जाता है कि पूगल में फर्जी जमीनों के आवंटन का मामला छत्तगरढ़ से कई गुना बड़ा होने के कारण इस मामले की जांच में खासी सतर्कता बरती जा रही है। जानकारी में रहे कि पिछले माह जब छत्तरगढ़ में हुए जमीनों के फर्जी आवंटन का मामला सामने आने के बाद पूगल में हुआ जमीनों का घोटाला भी सुर्खियों में आया था। इस मामले को लेकर पूगल के कई भाजपा नेताओं ने बकायदा लिखित शिकायत सीएमओं भेजी थी। रिपोर्ट में साक्ष्य सबुतों के साथ अवगत कराया गया था कि जिस तरह छत्तरगढ़ तहसील में जमीनों की फर्जी बंदरबांट हुई उससे कई गुना ज्यादा पूगल तहसील में जमीनों का फर्जी आंवटन हुआ है। इस मामले की रिपोर्ट मिलने के बाद जिला कलक्टर नम्रता वृष्णि ने भी भरोसा दिलाया था कि छत्तगरढ़ की तरह पूगल से जुड़े मामले की भी गंभीरता से जांच करवाई जायेगी। बताया जाता है कि अब जिला कलक्टर को पूगल से जुड़े मामले की रिपोर्ट मिल चुकी है,रिपोर्ट मिलने के बाद जिला कलक्टर ने कार्यवाही भी शुरू कर दी है। इसके तहत कई पटवारियों को निलम्बित किया गया है। छत्तरगढ़ के बाद पूगल की जमीनों के फर्जी आवंटन से जुड़े मामले की खबरे वायरल होने के बाद प्रशासनिक गलियारों में हलचल सी मच गई है। जानकारी में रहे पूगल में जमीनों के फर्जी आंवटन के मामले में तत्कालीन तहसीलदार रामेश्वर गढ़वाल का नाम भी खूब सुर्खियों में आ चुका है।

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