नोखा,नोखा बिहारीलाल बिश्नोई ने आज कृषि मंत्री लालचंद कटारिया को पत्र भेजकर व दूरभाष पर बात करके नोखा पंचायत समिति क्षेत्र को श्रीडूंगरगढ़ में नव स्वीकृत कार्यालय सहायक निदेशक कृषि विस्तार में नही जोड़ने की मांग की । विधायक बिश्नोई ने इस विषय से जिला कलेक्टर व मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद को भी अवगत करवाया ।
विधायक बिश्नोई ने कहा कि हाल ही में श्रीडूंगरगढ़ में स्वीकृति हुए कार्यालय सहायक निदेशक कृषि विस्तार का क्षेत्राधिकार निर्धारण किया जा रहा है । जिसमे नोखा पंचायत समिति को कार्यालय सहायक निदेशक कृषि विस्तार श्रीडूंगरगढ में जोड़ा जा रहा है । अगर नोखा पंचायत समिति को श्रीडूंगरगढ़ के साथ जोड़ा जाता है तो नोखा पंचायत समिति में किसानों के साथ बहुत बड़ा अन्याय होगा। क्योंकि वर्तमान में नोखा पंचायत समिति कार्यालय सहायक निदेशक कृषि विस्तार बीकानेर से जुड़ा हुआ है। नोखा से बीकानेर की दूरी 60 किलोमीटर है। और अगर इसे श्रीडूंगरगढ़ के साथ जोड़ा जाता हैं तो नोखा से श्रीडूंगरगढ़ की दूरी 125 किलोमीटर है नोखा पंचायत समिति के गावों से सीधा श्रीडूंगरगढ़ जाने के लिए संसाधनों का अभाव है। अगर देखा जाए तो नोखा पंचायत समिति का गांव सूरपुरा है जो बीकानेर से 50 किमी दूर है सूरपुरा का किसान पहले बीकानेर आएगा और फिर बीकानेर से सहायक निदेशक कृषि विस्तार कार्यालय के आगे से होकर देखता हुआ श्रीडूंगरगढ़ जायेगा । इस से बड़ा और किसान के साथ क्या अन्याय होगा। इसी तरह सोवा, गजरूपदेसर, सिंजगरू ये गांव बीकानेर से 50 किमी दूरी पर हैं। दूसरी तरफ नोखा पंचायत समिति के नागौर जिले की सीमा से सटे गांव जैसे जैसलसर, गोंदूसर, मुंदड़, बगसेउ आदि गांव के किसानों को पहले लगभग 40 किमी चलकर नोखा आना होगा फिर श्रीडूंगरगढ जाना होगा। क्योंकि इन सभी गांवों से बीकानेर के लिए सीधी बस हैं। परन्तु श्रीडूंगरगढ़ के लिए इन गावों से कोई सीधी बस नहीं है। तो सोचो की किसान के समय और धन की कितनी बर्बादी होगी ।
क्योंकि सहायक निदेशक कृषि विस्तार कार्यालय से हर किसान को जरूरत रहती हैं चाहे किसान ट्यूबवेल वाला या बारानी खेती करने वाला हो उसे इन कामों के लिए इस कार्यालय जाना ही पड़ता है । जैसे तारबंदी, पाइपलाइन, फवारा, कृषियंत्र, डिग्गी, जलहोद, पावर स्प्रेयर, थ्रेशर, मिनिस्पिंकलर, ड्रिप इरिगेशन, वर्मी कॉम्पस्ट, जैविक खेती, बायो फर्टिलाइजर, मिनी किट, फसल प्रदर्शन, केटल शेड, प्याज भंडारण सेड, तिरपाल आदि के लक्ष्य इस कार्यालय से जारी किए जाते हैं व भुगतान किया जाता हैं । किसी भी प्रकार के भुगतान में विलम्ब या शंका के लिए हर किसान को इस कार्यालय जाना ही पड़ेगा।
फसल बीमा क्लेम व कटौती से सबंधित आंकड़े इस कार्यालय उपलब्ध होते है तो किसान को इस कार्यालय जाना पड़ेगा। कृषि विभाग समस्त विभागीय योजनाओ के प्रभारी अधिकारी इस कार्यालय में बैठते हैं और सीधी सी बात है ये कार्यालय किसान के बने हैं। तो हर किसान को किसी न किसी काम से कृषि विस्तार कार्यालय जाना ही पड़ता है ।
विधायक बिश्नोई ने कहा कि आप ने इसमें अन्नदाता हित में श्रीडूंगरगढ़ में सहायक निदेशक कृषि विस्तार कार्यालय खोला जिसे डूंगरगढ़ के किसानो का भला होगा। परंतु नोखा के किसानो को भारी नुकसान होगा।
निवेदन है कि नोखा पंचायत समिति क्षेत्र को श्रीडूंगरगढ़ में नव स्वीकृत कार्यालय सहायक निदेशक कृषि विस्तार में नही जोड़ा जाये और पूर्ववत कार्यालय निदेशक कृषि विस्तार बीकानेर में रखा जाये।
विधायक बिश्नोई ने कहा कि हमारी मांग विधानसभा में थी कि नोखा में भी सहायक निदेशक कृषि विस्तार का कार्यालय खोला जाये परंतु आपने श्रीडूंगरगढ़ को दिया और नोखा पंचायत समिति उसमें जोड़कर नोखा के किसान का नुकसान कर रहे है । इसी प्रकार अगले बजट में हमें ना देकर यह कार्यालय कोलायत को देते है, जहां आपकी पार्टी के विधायक है तो उस कार्यालय को बनाने में हमारी नोखा की दूसरी पंचायत समिति पांचू को उसमें जोड़ देंगें ।
इसलिए किसान का नुकसान हम होने नहीं देंगें । आपसे हमारी मांग है कि किसान हित में नोखा पंचायत समिति को श्रीडूंगरगढ़ सहायक निदेशक कृषि विस्तार कार्यालय से निकाल कर पूर्ववत कार्यालय निदेशक कृषि विस्तार बीकानेर में रखा जाये। साथ ही किसान हित में नोखा में सहायक निदेशक कृषि विस्तार कार्यालय खोला जाये ।