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  • बीकानेर,जयपुर. सहकारी बैंकों से ऋण लेने वाले किसानों का बीमा संकट में आ गया है। दस लाख रुपए तक का बीमा करने वाली कम्पनी ने करार बीच में ही खत्म कर दिया। इसके बाद राज्य सहकारी बैंक (अपेक्स बैंक) बीमा के लिए दो बार निविदा भी मांग चुका, लेकिन कोई कम्पनी किसानों का बीमा करने के लिए तैयार नहीं है। ऐसी स्थिति में अब बैंक ने बीमा शर्तों में बदलाव का रास्ता चुना है। इसके लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है।

अपेक्स बैंक ऋणी किसानों का सहकार जीवन सुरक्षा बीमा योजना के तहत दस लाख रुपए तक का बीमा करता है। इसके तहत किसान की ऋण राशि बीमित होती है। किसान की प्राकृतिक मृत्यु पर ऋण का भुगतान उसके परिजन को नहीं करना होता। यह ऋण बीमा कम्पनी चुकता करती है। अपेक्स बैंक ने गत वर्ष अन्तिम समय में वर्ष 2020-21 के लिए श्रीराम लाइफ इंश्योरेंस कम्पनी को चुना। करीब 22 लाख किसानों के बीमा करने पर कम्पनी को 100 करोड़ से अधिक का भुगतान किया गया। मार्च माह में वर्ष 2021-22 में बीमा के लिए भी इसी कम्पनी को जिम्मा दिया गया। कम्पनी ने अभी करीब तीन लाख किसानों का ही बीमा किया था। इसी बीच कुछ दिन पहले कम्पनी ने करार खत्म करने का निर्णय लिया और शर्तों के मुताबिक तीन माह का नोटिस अपेक्स बैंक को दे दिया।

बीमा नहीं होने से यह होगा नुकसान

बीमा नहीं होने से उन परिवारों पर मुश्किल है जिनके मुखिया की मृत्य हो गई। सहकारी बैंक राजस्व रिकॉर्ड में जिसके नाम जमीन है उसे ही लोन देते हैं। जमीन अक्सर परिवार के मुखिया के ही नाम होती है। ऐसे में किसी मुखिया की प्राकृतिक मृत्यु होने पर लोन का भार उस परिवार पर पड़ेगा। बीमा योजना प्रभावी रहने की स्थिति में लोन का भुगतान बीमा कम्पनी करती है। अब यह भुगतान
इस परिवार को ही करना होगा।

शर्तें देख पीछे हट रही कंपनियां

नोटिस मिलते ही अपेक्स बैंक ने नई कम्पनी की तलाश शुरू की। दो बार निविदा में पहली बार दो कम्पनी और दूसरी बार मात्र एक कम्पनी आई। कम्पनियां बीमा शर्तें देखते ही पीछे हट गई। कम्पनियों की अहम आपत्ति किसानों की उम्र को लेकर है। योजना के अन्तर्गत 79 वर्ष की उम्र तक के किसान का बीमा होता है। तीन माह का नोटिस पीरियड पूरा हो गया, लेकिन बैंक बीमा के लिए नई कम्पनी का चयन नहीं कर पाया। अब शर्तों में उम्र के साथ अन्य बदलाव के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है।

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