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बीकानेर, सादुलगंज पॉलिटेक्निक कॉलेज के सामने स्थित आयुष्मान हार्ट केयर सेन्टर में बही उल्टी गंगा नामक कहावत चरितार्थ हुआ है। 5 मई को मुम्बई से आये हार्ट अटैक के मरीज ने वहाँ प्राथमिक उपचार लिया। फिर बीकानेर अपने रिश्तेदारों के कहने पर आयुष्मान हार्ट केयर सेन्टर पर पहुंचे। मरीज ने बताया कि अब मेट्रो शहर से भी बेहतर एवं सही उपचार इस सेन्टर पर उपलब्ध है, जहाँ मुम्बई में इसके उपचार की कीमत से पाँच गुना सस्ता ईलाज भी हुआ। साथ ही मरीज के परिजनों ने बताया कि वहां सर्जरी के लिये बताया एवं बहुत ज्यादा महंगा उपचार था फिर डॉ. बी. एल. स्वामी ने बताया कि हृदय की तीनो नसे ब्लॉक है पर दो नसो में तीन स्टंट की आवश्यकता है। फिर नसों में जमे चुने को कटिंग बैलुन से काटकर 60 मिनट के लगभग समय मे दो नसों में तीन स्टंट लगा दिये। साथ एक बची नस में इन्ट्रा कोरोनरी कम्युनिकेशन से दुसरी तरफ से ब्लड प्रवाह सामान्य था । इस प्रकार उन्नत तकनीक से अनेको मरीजों को बाईपास सर्जरी से बचाया जा सकता है। जहाँ अमेरिका में सौ स्टंट लगते है, वहाँ एक बाईपास सर्जरी होती है। वही भारत में यह दर 50% तक ही है जिसकी मुख्य वजह हृदय रोग की उन्नत तकनीक के अनुभव की कमी है। साथ ही एक भ्रम है कि बाईपास सर्जरी जब तीन नसें ब्लॉक होती है, तब परमानेन्ट उपचार है डॉ. स्वामी ने बताया कि कोई भी उपचार परमानेन्ट नही है, साथ ही 22 से कम सिन्टेक्स स्कोर पर तीनों ब्लॉक नसों की स्थिति में भी आधुनिक स्टंट ज्यादा कामयाब है। साथ ही वर्तमान समय में बाईपास होने बाद अगी भविष्य में दिक्कत होती है, तो पुन: स्टंट से ही उपचार संभव होता है।

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