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बीकानेर, कोरोना कम भले हो गया हो लेकिन डर अभी भी बरकरार है। प्रदेश में रिपोर्ट हो रहे इक्का-दुक्का कोरोना मरीजों के चलते सरकार ने कोरोना गाइड लाइन में प्रदेश की जेलों को थोड़ी राहत दी है। अब अभियुक्तों को न्यायिक व पुलिस अभिरक्षा में भेजने से पहले कोविड टेस्ट नेगेटिव प्रमाण-पत्र की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है। 14 दिन के प्रथम आइसोलेशन को सात दिन का कर दिया गया है।

कोरोना के डर के चलते पिछले दो सालों में कोरोना के मरीज बढ़ने पर बंदी-परिजनों की मूलाकात पर रोक लगा दी जाती रही है। अब नई एसओपी में मूलाकात संबंधी कोई दिशा-निर्देश नहीं दिए गए हैं। पूर्व की भांति जेलों में बंदियों से परिजन मूलाकात कर सकेंगे। मूलाकात की व्यवस्था के तहत मास्क, सैनेटाइजर व उचित दूरी जैसे निर्देशों की पालना करनी होगी। गौरतलब है कि प्रदेश अभी भी 50 से अधिक कोरोना मरीज रिपोर्ट हो रहे हैं। ऐसे में सरकार किसी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहती विशेष तौर से जेलों में। जेलों में लापरवाही से कोरोना का प्रकोप बढ़ा तो व्यवस्थाओं को संभालना मुश्किल होगा।

कारागृहों में निरुद्ध होने वाले नए बंदियों की सूचना संग्रहित की जाए। उनके कोरोनो वैक्सीन लगाने की व्यवस्था करें। ऐसे बंदी जिनकी 55 वर्ष से अधिक या किसी बीमारी से ग्रसित है ऐसे बंदियों का टीकाकरण के लिए विशेष शिविर लगाए जाएं। बंदियों का टीकाकरण व बूस्टर डोज संबंधी कार्रवाई करें।

सात दिवस प्रथम आइसोशेशन वार्ड में अलग से आरक्षित वार्ड में रखा जाए
कारागृहों में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें

नई आमद के बंदी को पुलिस गार्ड से बिना प्रमाण-पत्र के जेल दाखिल करवाया जाए

जेल चिकित्सक आइसोलेशन वार्ड के बंदियों को स्वास्थ्य परीक्षण के लिए उपलब्ध रहेंगे। आइसोलेशन वार्ड के बंदियों का नियमित चेकअप करेंगे

जेल अधिकारियों-कर्मचारियों का नियमित कोरोना रेंडम टेस्ट करवाया जाए
जेल कार्मिक व बंदी मास्क-सैनेटाइजर का नियमित उपयोग करें

कोरोना को लेकर नई एसओपी जारी की गई है। बीकानेर जेल में कोरोना गाइडलाइन का पहले से पूरी तरह पालन किया जा रहा है। अब नई एसओपी में कुछ राहतें दी गई है। जेल में दाखिल होने वाले नए बंदियों के लिए कोरोना नेगेटिव प्रमाण-पत्र की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है।
आर. अनंतेश्वरन, जेल अधीक्षक बीकानेर

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