जयपुर,राजस्थान में विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही बीजेपी में अध्यक्ष पद पर बदलाव को लेकर कवायद शुरू हो चुकी है। मौजूदा अध्यक्ष सतीश पूनिया सितंबर में अपना कार्यकाल पूरा करने जा रहे हैं।माना जा रहा है कि पार्टी नए अध्यक्ष के साथ चुनाव मैदान में उतरेगी। जयपुर में एक निजी कार्यक्रम में सतीश पूनिया ने बयान दिया था कि उनका सपना है। राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 में उनके नेतृत्व में बीजेपी प्रचंड बहुमत से सरकार बनाएं। राजनीतिक गलियारों में उनके इस बयान को बदलाव से जोड़कर देखा जा रहा है। इससे पहले माउंट आबू में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी संगठन में बदलाव के संकेत दिए थे। जानकार सूत्र पूनिया के कार्यकाल को आगे बढ़ाने की संभावना से भी इंकार नहीं करते। लेकिन सतीश पूनिया और वसुंधरा राजे के बीच टकराव जगजाहिर हैं। ऐसे में शीर्ष नेतृत्व पार्टी के भीतर कोई मतभेद नहीं चाहता। पार्टी में नए अध्यक्ष को लेकर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल, चित्तौड़गढ़ से सांसद सीपी जोशी, अजमेर से विधायक वासुदेव देवनानी, अल्का गुर्जर के नाम की चर्चा है।जातीय समीकरणों को साधने की कवायद
बीजेपी में नए अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर जातीय समीकरणों की गणित भी लगाई जा रही है। मौजूदा अध्यक्ष सतीश पूनिया जाट समुदाय से आते हैं। राजस्थान में जाट और राजपूत बाहुल्य है। पिछले दिनों पार्टी ने जगदीप धनकड़ को एनडीए का उपराष्ट्रपति पद का उमीदवार बनाया था। पार्टी के इस फैसले को ओबीसी वर्ग को पार्टी से जोड़ने की बड़ी कवायद माना जा रहा है। कयास है कि पार्टी ओबीसी या ब्राह्मण को मौका दे सकती है। अर्जुन मेघवाल पार्टी के वरिष्ठ नेता है। दलित समुदाय से आते हैं। मेघवाल तीसरी बार सांसद हैं और मौजूदा मोदी सरकार में केंद्रीय संस्कृति एवं संसदीय कार्यमंत्री हैं। पिछली बार भी अध्यक्ष पद के लिए उनका नाम सामने आया था। चित्तौड़गढ़ से सांसद सीपी जोशी पार्टी के युवा चेहरे हैं। चित्तौड़गढ़ से दूसरी बार सांसद हैं। उनकी छवि पार्टी में निर्विवाद रही है। पार्टी ओबीसी वर्ग से अल्का गुर्जर के नाम पर भी विचार कर रही हैं। अल्का गुर्जर राजस्थान सरकार में मंत्री रहे नाथू सिंह गुर्जर की पत्नी है। अभी पार्टी की राष्ट्रीय सचिव हैं और बांदीकुई विधायक रह चुकी हैं। वासुदेव देवनानी अजमेर से चौथी बार विधायक हैं। वसुंधरा सरकार में दो बार मंत्री रह चुके हैं। संघ की ओर से उनके नाम पर सहमति भी है। लेकिन पार्टी में 70 वर्ष की आयु का फार्मूला लागू होता है तो देवनानी की मुश्किल बढ़ सकती है। पार्टी के प्रदेश महासचिव भजन लाल शर्मा और पूर्व मंत्री श्रीचंद कृपलानी के नाम भी सामने आ रहे है।
सीएम फेस को लेकर मतभेद
राजस्थान में सीएम फेस को लेकर पार्टी नेताओं के बीच मतभेद जगजाहिर हैं। शीर्ष नेतृत्त्व पार्टी के भीतर किसी भी मतभेद से साफ इंकार करता है। पार्टी में एकजुटता का सन्देश दिया जाता है। लेकिन सीएम फेस को लेकर पार्टी के भीतर गुटबाजी सामने आ ही जाती है। प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया कई बार मुख्यमंत्री पद को लेकर शीर्ष नेतृत्व द्वारा फैसला किए जाने की बात कह चुके हैं। पिछले दिनों बैंगलोर दौरे से लौटने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी प्रदेश में सक्रीय हो गई हैं। राजे की सक्रियता को लेकर सियासी गलियारों में उनका प्रभाव बढ़ने से जोड़कर चर्चा की जा रही है। हाल ही में जयपुर में एक निजी कार्यक्रम में सतीश पूनिया ने अपने बयान से पार्टी आलाकमान के सामने अपना कार्यकाल बढ़ाने की मांग भी रख दी है। लेकिन जगदीप धनकड़ को एनडीए की ओर से उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने से उनकी दावेदारी कमजोर पड़ गई है।