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बीकानेर,एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और नागर विमानन मंत्रालय ने बीकानेर और किशनगढ़ एयरपोर्ट्स से नई हवाई उड़ानें शुरू करने के लिए दोनों एयरपोर्ट को बिडिंग प्रोसेस में शामिल करने की जानकारी दी है.

नई दिल्ली में राजस्थान सरकार के आवासीय आयुक्त धीरज श्रीवास्तव ने बताया कि मुख्य आवासीय आयुक्त शुभ्रा सिंह और नागर विमानन मंत्रालय के सचिव के बीच हुई कई दौर की बातचीत के बाद राजस्थान में स्थित एयरपोर्ट्स के विस्तार, विकास और उन्हें पर्यटन की दृष्टि से उपयुक्त बनाने के कार्यों में काफी सफलता मिली है. केंद्र सरकार द्वारा राजस्थान के बीकानेर और किशनगढ़ एयरपोर्ट्स से और ज्यादा हवाई उड़ानें शुरू करने तथा अधिक से अधिक विमानन कंपनियों को यहां से फ्लाइट ऑपरेट करने की स्वीकृति देने के लिए बिडिंग प्रक्रिया शुरू कर दी है. यह प्रक्रिया 15 जुलाई तक चलेगी और उम्मीद है कि 15 अगस्त तक इन दोनों एयरपोर्ट्स से और अधिक उड़ानें शुरू करने के लिए कंपनियां सामने आएंगी और नई उड़ानें चलेंगी. इससे राजस्थान को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ने तथा पर्यटन और हवाई परिवहन को सुगम बनाने में मदद मिलेगी.

धीरज श्रीवास्तव ने बताया कि केंद्र सरकार की रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम, उड़ान में बीकानेर संभाग के ही श्रीगंगानगर एयरपोर्ट को भी शामिल किया गया था. यह खुशी की बात है कि अब श्रीगंगानगर एयरपोर्ट से भी कई विमानन कंपनियों ने फ्लाइट ऑपरेट करने में रुचि दिखाई है, इसके लिए अब एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और राज्य सरकार के संबंधित अधिकारियों का एक संयुक्त निरीक्षण दल वहां भेजने की स्वीकृति हुई है, जल्द ही यह दल वहां जाएगा तथा सभी पहलुओं पर गहनता से विचार करेगा.

श्रीवास्तव ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने बजट भाषण में एयर ट्रैफिक फ्यूल को घटाकर 2 प्रतिशत तक कर दिया है जिससे विमानन कंपनियां राजस्थान की तरफ आकर्षित हो रही है इससे देश-विदेश के पर्यटकों और हवाई यात्रियों को राजस्थान भ्रमण के लिए प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी.उन्होंने बताया कि जोधपुर और उदयपुर एयरपोर्ट्स के विस्तार और उन्नीकरण के प्रस्तावों पर भी काम चल रहा है, इनके लिए मुख्यमंत्री द्वारा केंद्र सरकार को पत्र भी लिखे गए हैं ताकि जल्द से जल्द इन दोनों एयरपोर्ट्स से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें का संचालन शुरू किया जा सके.

कर्नाटक, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री को लिखा गहलोत ने पत्र

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा कर्नाटक तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को वहां राजस्थान भवन बनाने के लिए जमीन उपलब्ध करवाने के लिए लिखे पत्रों के बारे में जानकारी देते हुए धीरज श्रीवास्तव ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत का प्रवासी राजस्थानियों के साथ गहरा लगाव है इसी के चलते उन्होंने 20 साल पहले राजस्थान  फाउंडेशन की स्थापना की थी जो आज प्रवासियों को उनकी मिट्टी से जोड़ने के लिए निरंतर कार्यरत है. विगत दिनों इन्वेस्टर्स समिट के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा प्रवासी राजस्थानी पॉलिसी भी लांच की थी जिसमें इस बात का उल्लेख है कि राजस्थान से बाहर बसे हुए राजस्थानीयों को घर जैसा माहौल देने के लिए राजस्थान भवनों का निर्माण करवाया जाएगा.इसी श्रंखला में मुख्यमंत्री द्वारा इन तीनों राज्यों में जहां ज्यादा प्रवासी

राजस्थानी रहते हैं इसलिए राजस्थान भवन बनाने के लिए रियायत दर पर जमीन उपलब्ध करवाने के लिए संबंधित मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखे हैं तथा उम्मीद है कि जल्द ही जमीन मिलने पर इन भवनों के निर्माण कार्य की शुरुआत हो जाएगी.

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