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बीकानेर,नेशनल ई-रिपोजिटरी लिमिटेड (एनईआरएल), नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स) द्वारा प्रवर्तित एक इलेक्ट्रॉनिक वेयरहाउस रसीदें (ईएनडब्ल्यूआर) उत्पन्न करने के लिए रिपोजिटरी है। हाल ही में उन्होनें पंजाब एंड सिंध बैंक (जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में है) के साथ ईएनडब्ल्यूआर पर ऋण वितरित करने के लिए एक प्लेजी के रूप में एक करार किया। पंजाब एंड सिंध बैंक, एक भारतीय राष्ट्रीयकृत बैंक, जमाकर्ताओं को ईएनडब्ल्यूआर पर ऋण प्रदान करने वाला एनईआरएल के साथ 45वां बैंक बन गया है।

रवि मेहरा, जनरल मैनेजर, पंजाब एंड सिंध बैंक ने कहा, हमें एनईआरएल में प्लेजी के रूप में शामिल होकर खुशी हो रही है। ईएनडब्ल्यूआर निश्चित रूप से एक ऐसा साधन है जो एक शक्तिशाली वित्तीय साधन बनने की बड़ी क्षमता रखता है और फ़िसिकल रसीद की तुलना में बैंकरों को अधिक पारदर्शिता और आत्मविश्वास प्रदान करता है। हम ऋण प्राप्त करने के लिए ईएनडब्ल्यूआर को एक सामान्य वित्तीय साधन बनाने की दिशा में एनईआरएल के साथ काम करने की आशा करते हैं।

विनीत गुप्ता, हेड-बिजनेस (उत्तर और मध्य भारत), एनईआरएल ने कहा, नवीन प्रौद्योगिकी प्रणालियों का उपयोग करते हुए, एनईआरएल किसानों, व्यापारियों, प्रोसेसर और कमोडिटी बाजारों में सभी मूल्य प्रतिभागियों का समर्थन करने के लिए काम कर रहा है। ईएनडब्ल्यूआर फ़िसिकल रसीद से जुड़े जोखिमों और परेशानियों को कम करता है और हमें यह देखकर खुशी होती है कि राष्ट्रीय स्तर के बैंक आगे आ रहे हैं और इस साधन में विश्वास दिखा रहे हैं।

ईएनडब्ल्यूआर, एनईआरएल जैसे रिपॉजिटरी द्वारा उत्पन्न वेयरहाउस रसीद का एक डिजिटल रूप है, जिसे भारत के वेयरहाउसिंग डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी द्वारा नियंत्रित किया जाता है। ईएनडब्ल्यूआर को एनईआरएल के यूनिक रिपॉजिटरी अक्कौन्ट में रखा जाता है, जो बैंक अक्कौन्ट में धन रखने के समान है। ईएनडब्ल्यूआर के स्वामित्व का हस्तांतरण सरल डिजिटल रिपोजिटरी अक्कौन्ट हस्तांतरण के माध्यम से किया जाता है। यह विधि आम तौर पर कागजी कार्रवाई से जुड़े जोखिमों और परेशानियों को कम करती है। नतीजतन, फ़िसिकल रसीद में लेनदेन की तुलना में एक रिपॉजिटरी डिजिटल वातावरण में लेनदेन की लागत काफी कम है।

आज की तारीख में, 45 राष्ट्रीयकृत, निजी और सहकारी बैंक एनईआरएल में शामिल हैं और ईएनडब्ल्यूआर पर ऋण वितरित कर रहे हैं। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब नेशनल बैंक जैसे राष्ट्रीयकृत बैंक पहले से ही एनईआरएल प्लेटफॉर्म पर ईएनडब्ल्यूआर पर ऋण वितरित कर रहे हैं। 30 जून, 2022 तक एनईआरएल प्लेटफॉर्म पर 3,000 करोड़ रूपये से अधिक के ऋण वितरित किए जा चुके हैं। एनईआरएल के साथ 6,700 से अधिक सक्रिय खाते खोले गए हैं – 30 जून, 2022 तक 2,000 से अधिक किसान खाते और 200 से अधिक एफपीओ खाते हैं। 30 जून, 2022 तक एनईआरएल प्लेटफॉर्म पर 42 लाख मीट्रिक टन से अधिक कमोडिटी जमा की गई है।

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