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बीकानेर,निजी स्कूलों की फीस को लेकर मामला तूल पकड़ते जा रहा है, जो अभिभावक बच्चों की फीस नही चुका पा रहे है उन पर स्कूल संचालक मानसिक दबाव बनाकर ना केवल अभिभावकों को प्रताड़ित कर रहे है बल्कि बच्चों तक के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे है। पीड़ित अभिभावक टीसी को लेकर कभी कलेक्टर के चक्कर काट रहा है तो कभी शिक्षा निर्देशक के चक्कर काट रहा है, शिक्षा निर्देशक से बात होने शिक्षा निर्देशक ने जिला शिक्षा अधिकारी से बात करने को कहा, जिला शिक्षा अधिकारी से बात की तो वह स्कूल का पक्ष लेते हुए स्कूल के अनुसार पूरी फीस जमा करवाने को कह रहे है। लेकिन जब युक्ति संगत जवाब नही दिया तो फिर ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के पास जाने को बोल दिया और स्वयं से पल्ला झाड़ लिया।

इधर ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को अभिभावक ने दस दिनों पहले ही ईमेल के जरिये शिकायत दर्ज करवा चुके थे, शिक्षा अधिकारी कहने पर सोमवार को ब्लॉक शिक्षा अधिकारी से बात की तो दुबारा शिकायत देने को कह दिया गया।

मामला शहर के रानी बाजार स्थित बाल निकेतन माध्यमिक स्कूल का है, जिसमे पीड़ित अभिभावक हनुमान शर्मा का पुत्र पहले दिन से स्कूल में पढ़ रहा है और पिछले सत्र में 10 वीं की पढ़ाई कर रहा था। किंतु कोरोना महामारी के चलते स्कूल खुले ही नही तो स्कूल द्वारा ऑनलाइन पढ़ाई शुरू की गई थी किन्तु बच्चे ने पिछले सत्र एक भी दिन ना ऑनलाइन पढ़ाई की ना ऑफलाइन पढ़ाई की, घर पर रहकर ही बच्चे ने स्वयं के स्तर पर पढ़ाई की, स्कूल की किसी भी गतिविधियों में शामिल नही हुआ। अब अभिभावक कोरोना महामारी से उपजे संकट के चलते अपने बच्चे का एडमिशन सरकारी स्कूल में करवा रहे है जिसके लिए उन्हें 15 अक्टूबर तक स्थानांतरण प्रमाण पत्र जमा करवाने को कहा गया है। किंतु बाल निकेतन माध्यमिक विद्यालय के 10 चक्कर कांटने के बाद भी विद्यालय संचालकों ने स्थानांतरण प्रमाण पत्र जारी नही किया, हर बार बहानेबाजी बनाकर टालते रहे लेकिन अब बोल रहे है पहले पूरी फीस पैनल्टी के साथ जमा करवाओ उसके बाद टीसी दी जाएगी।

मेरा बेटा पिछले करीबन 13 सालों से बाल निकेतन माध्यमिक विद्यालय में पढ़ता आ रहा है, पिछले साल कोरोना महामारी के कारण स्थिति बिगड़ गई। उस दौरान बेटा 10 वीं की पढ़ाई कर रहा था उसके बावजूद स्कूल की ना ऑनलाइन क्लास अटेंड की ना ऑफलाइन क्लास अटेंड की और ना ही स्कूल की किसी भी गतिविधियों में भाग लिया। उसके बावजूद स्कूल मनमाने तरीके से पूरी फीस पैनल्टी के साथ जमा करवाने की बोलकर टीसी देने से मना कर रहा है। स्थिति बिगड़ने के चलते में अपने बेटे का 11 वीं कक्षा का एडमिशन सरकारी स्कूल में करवा दिया किन्तु अब सरकारी स्कूल से भी 15 अक्टूबर तक टीसी मांगी जा रही है। जिसके लिए जिला कलेक्टर, शिक्षा निर्देशक, जिला शिक्षा अधिकारी, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी और स्कूल के चक्कर काट लिए लेकिन कोई सुनवाई नही हो रही है। अब में हार चुका हूं और बेटे के भविष्य को बचाने के लिए संयुक्त अभिभावक संघ से मदद मांगी है।

*अभिभावक हनुमान शर्मा*

मंगलवार को अभिभावक हनुमान शर्मा ने संगठन के हेल्पलाइन 9772377755 पर कॉल कर अपनी शिकायत की जानकारी दी, मंगलवार को अभिभावक की शिकायत पर शिक्षा निर्देशक सौरभ स्वामी को पत्र लिखकर अभिभावक को टीसी दिलवाने की मांग की गई और जब तक स्कूल टीसी जारी नही कर देता है तब तक जिस सरकारी स्कूल में बच्चे ने एडमिशन लिया है वहां टीसी जमा करवाने का दबाव ना बनाया जाए कि मांग की गई है। इस पत्र की कॉपी मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री सहित प्रिंसिपल सेकेट्री शिक्षा विभाग को भी भेजी गई। स्कूल द्वारा अनैतिक तरीके से बिना सर्विस दिए फीस वसूलने का दबाव बनाया जा रहा है, जब बच्चे ने एक भी दिन कक्षा ली ही नही है तो वह फीस का दबाव क्यो बना रहे है। सुप्रीम कोर्ट ने भी 3 मई 2021 और 1 अक्टूबर 2021 को अपने आदेश में स्पष्ट कहा है जो सर्विस स्कूल द्वारा दी ही नही गई है तो वह उसकी फीस नही वसूल सकते है। इसके बावजूद भी अगर फीस का दबाव बनाया जा रहा है तो वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना कर रहे है। शिक्षा विभाग का कर्तव्य सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना करवाना है ना कि निजी स्कूलो को संरक्षण देना है। अगर अभिभावकों को न्याय नही मिला तो सड़क से लेकर कोर्ट तक विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। जरूरत पड़ी तो अवमानना का केस भी दर्ज करवाया जाएगा।

अभिषेक जैन बिट्टू
प्रदेश प्रवक्ता & मीडिया प्रभारी
संयुक्त अभिभावक संघ राजस्थान
मो – 9829566545

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