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बीकानेर,शिक्षा विभाग में लापरवाही इस हद तक हावी है कि परीक्षा में एक महीना भी शेष नहीं है और अब तक टाइम टेबल तक तय नहीं हो पाया है। अलबत्ता अब तक वंचित स्टूडेंट्स के फॉर्म भरने का ही काम चल रहा है। प्रारम्भिक शिक्षा निदेशालय के तहत संचालित हो रहे शिक्षा विभागीय पंजीयक कार्यालय अब तक ये तय नहीं कर पाया है कि 31 मार्च से शुरू होने वाली आठवीं बोर्ड परीक्षा में किस दिन किसकी परीक्षा होगी।

शिक्षा विभागीय पंजीयक कार्यालय की लापरवाही इस हद तक है कि महज 27 दिन बाद होने वाली परीक्षा का कार्यक्रम अब तक तय नहीं है। राज्यभर में करीब चौदह लाख स्टूडेंट्स ने पिछले साल आठवीं बोर्ड की परीक्षा के लिए आवेदन किया था। कमोबेश इतनी ही संख्या इस बार भी हो सकती है। कोरोना की तीसरी लहर खत्म होने के साथ ही स्कूल भी एक बार फिर खुल गए हैं। इन स्कूल्स में पढ़ाई हो रही है लेकिन परीक्षा को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है

आमतौर पर दसवीं बोर्ड परीक्षा के दिन ही आठवीं बोर्ड की परीक्षा शुरू होती है। जिस पारी में दसवीं की परीक्षा होती है, उसे छोड़ दूसरी पारी में आठवीं बोर्ड की परीक्षा होती है। इस बार भी दसवीं बोर्ड के साथ ही आठवीं की परीक्षा तो तय है लेकिन टाइम टेबल अब तक तय नहीं है।

उधर, पांचवीं बोर्ड की डेट्स ही अब तक तय नहीं हो पाई है। माना जा रहा है कि बोर्ड पैटर्न का ये एग्जाम अप्रैल में हो सकता है। डाइट्स के माध्यम से होने वाले इस एग्जाम के लिए स्टूडेंट्स को दूसरे स्कूल में जाना होगा अथवा नहीं? ये भी अब तक तय नहीं है।

उधर, सरकारी स्कूलों में अभी एनुअल फंक्शन की तैयारी चल रही है। बीकानेर सहित राज्य के सभी जिलों में सरकारी स्कूलों में दस मार्च तक एनुअल फंक्शन होने हैं। ऐसे में आठवीं के स्टूडेंट्स को पढ़ाने के बजाय फंक्शन के लिए तैयार किया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ प्राइवेट स्कूल्स में इस बार एनुअल फंक्शन नहीं हो सके हैं। अधिकांश स्कूल्स ने फंक्शन नहीं करने का निर्णय किया है।

राज्य के प्राइवेट स्कूल्स में आरटीई एडमिशन की जांच करने के लिए लेक्चरर की ड्यूटी लगाई गई है। पहले तीन मार्च तक और अब दस मार्च तक इन लेक्चरर को जांच करनी है। ऐसे में सीनियर सैकंडरी की मार्च के अंतिम सप्ताह में होने वाले एग्जाम को लेकर परेशानी है। कई स्कूलों में तो प्री बोर्ड एग्जाम ही नहीं हुए। अब टीचर्स अपने स्तर पर मार्क्स देने में लगे हैं।

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