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बीकानेर,ओलंपिक के इतिहास में अब तक कोई भी भारतीय एथलीट ट्रैक एंड फील्ड स्पर्धा में पदक नहीं जीत सका है. लेकिन अब टोक्यो ओलंपिक में जैवलिन थ्रोअर (भाला फेंक) नीरज चोपड़ा ने इस ट्रेंड को बदल दिया है. उन्होंने भारत को टोक्यो ओलंपिक का पहला गोल्ड दिलवा दिया है.

*नई दिल्ली,*
*नीरज चोपड़ा ने जीता गोल्ड मेडल*

*टोक्यो ओलंपिक में नीरज ने रचा इतिहास*

*ओलंपिक में भारत का भी बेस्ट परफॉर्मेंस*

नीरज चोपड़ा
उम्र – 23
खेल – जैवलिन थ्रो (एथलेटिक्स)
वर्ल्ड रैंकिंग – 16
ओलंपिक के इतिहास में अब तक कोई भी भारतीय एथलीट ट्रैक एंड फील्ड स्पर्धा में पदक नहीं जीत सका है. लेकिन अब टोक्यो ओलंपिक में जैवलिन थ्रोअर (भाला फेंक) नीरज चोपड़ा ने इस ट्रेंड को बदल दिया है. उन्होंने भारत को टोक्यो ओलंपिक का पहला गोल्ड दिलवा दिया है. फाइनल में शानदार प्रदर्शन करते हुए नीरज ने तमाम खिलाड़ियों को पछाड़ते हुए ये इतिहास रच दिया है. नीरज ने फाइनल में अपना दबदबा लगातार कायम रखा और पहले ही थ्रो में भाला 87 मीटर दूर फेंक दिया. इसके बाद दूसरी थ्रो में उन्होंने अपना ही प्रदर्शन सुधारते हुए 87 मीटर से भी दूर भाला फेंक दिया. अब आखिर में सभी को पछाड़ते हुए वे गोल्ड मेडल जीत गए हैं.

हरियाणा के पानीपत में जन्मे नीरज किसी विश्व स्तरीय एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय एथलीट है. उन्होंने 2016 में पोलैंड में हुए आईएएएफ U-20 विश्व चैंपियनशिप में 86.48 मीटर के जूनियर रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीतकर यह उपलब्धि हासिल की थी. उसी साल नीरज चोपड़ा ने दक्षिण एशियाई खेलों में 82.23 मीटर के थ्रो के साथ एक और स्वर्ण पदक अपने नाम किया. इसके बाद 2017 में नीरज ने 85.23 मीटर तक जैवलिन थ्रो कर एशियाई एथलेटिक्स चैम्पियनशिप का गोल्ड मेडल हासिल किया. फिर 2018 के एशियन और कॉमनवेल्थ गेम्स में भी वह पीला तमगा हासिल करने में सफल रहे. अबी इसी लिस्ट में टोक्यो ओलंपिक भी जुड़ गया है.

*टोक्यो का सफर*
नीरज चोपड़ा ने पिछले साल साउथ अफ्रीका में आयोजित हुए सेंट्रल नॉर्थ ईस्ट मीटिंग एथलेटिक्स चैम्पियनशिप के जरिए ओलंपिक का टिकट हासिल किया था. उन्होंने 87.86 मीटर जैवलिन थ्रो कर 85 मीटर के अनिवार्य क्वालिफिकेशन मार्क को पार कर यह उपलब्धि हासिल की. उन्होंने अपना बेहतरीन प्रदर्शन हर राउंड में जारी रखा और नतीजा ये रहा कि वे अब गोल्ड मेडल जीत गए हैं.

*हालिया प्रदर्शन*
नीरज चोपड़ा ने इस साल मार्च में पटियाला में आयोजित हुए इंडियन ग्रां प्री में रिकॉर्ड 88.07 मीटर तक जैवलिन थ्रो कर नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया. इसके बाद वह जून में लिस्बन में आयोजित हुए मीटिंग सिडडे डी लिस्बोआ टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीतने में कामयाब रहे.

इस टूर्नामेंट में पांच पुर्तगाली प्रतिभागियों के बीच उनका सर्वश्रेष्ठ थ्रो 83.18 मीटर रहा, जो स्वर्ण पदक जीतने के लिए काफी था. नीरज चोपड़ा ने छठे एवं आखिरी प्रयास में यह दूरी नापी थी. लिएंड्रो रामोस 72.46 मीटर थ्रो के साथ दूसरे, जबकि फ्रांसिस्को फर्नांडीस 57.25 मीटर थ्रो के साथ तीसरे स्थान पर रहे.

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