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कोलकाता. महानगर का हृदय स्थल कहे जाने वाले बड़ाबाजार में बंगाल और राजस्थान के सांस्कृतिक सेतु के रूप में शनिवार को ‘नवरूपा गणगौर द्वार’ का लोकार्पण हुआ. देवेंद्र दत्ता लेन और कलाकार स्ट्रीट क्रॉसिंग पर बने इस गणगौर स्वागत द्वार का उद्घाटन करते हुए मेयर फिरहाद हकीम ने कहा कि बंगाल सांस्कृतिक समन्वय का एक सुंदर उदाहरण है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की परिकल्पना में यहां के लोग आपस में मिल-जुलकर रहते हैं. बड़ाबाजार में गणगौर द्वार के निर्माण के लिए स्वपन बर्मन के कहने पर स्मिता बक्सी ने जब अनुरोध किया, तो इस कार्य के लिए मेयर फंड की स्वीकृति दी गयी. सभी के साथ और सहयोग से यह द्वार बन पाया है. मेयर फिरहाद हाकीम ने कहा कि राजस्थान के साथ बंगाल का संबंध काफी पुराना है. राजस्थान के लोग करीब 200 साल पहले बंगाल आ गये थे. राजस्थानी समाज, सामाजिक कार्यों में हमेशा आगे रहता है.

सांसद सुदीप बंद्योपाद्याय और मंत्री डॉ शशि पांजा ने स्वागत द्वार के निर्माण कार्य में सहयोगी रहे सभी लोगों को विशेष साधुुवाद दिया. पार्षद विजय उपाध्याय, इलोरा साहा, राजेश सिन्हा, देवलीना बोस और सुदीप पुल्ले आदि मंच पर उपस्थित रहे. श्री बलदेव जी गवरजा माता सेवा ट्रस्ट के विनोद डागा, श्री श्री गोवर्धन नाथ जी टेंपल श्री गौरी माता के राजा नाथानी, श्री गवरजा माता पारख कोठी के इंद्र कुमार मोहता, श्री नींबूतल्ला पंचायत के गोपाल दास चांडक, श्री श्री बांसतला गवरजा माता कमेटी के किशन कुमार मीमानी, श्री श्री गवरजा माता हंसपुकुर मंडली के गोपाल दम्मानी, श्री श्री मनसापूरण गवरजा माता सेवा ट्रस्ट के हीरालाल किराडू, श्री श्री गवरजा माता कलाकार स्ट्रीट के पवन ओझा, श्री श्री गवरजा माता वीआइपी अंचल के गोपाल दास सादानी और श्री मैढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार सभा के जगदीश प्रसाद सुगंध ने उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए गणगौर द्वार के निर्माण के लिए सभी के प्रति आभार जताया. संस्कृति-संस्कार के द्वारा इस अवसर पर प्रस्तुत किये गये हिंदी नववर्ष विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘पधारो म्हारे देश’ को सबने पंसद किया. गज्जू चांडक, घनश्याम सारड़ा, जेठमल रंगा, संजू बर्मन, नंदू सादानी, पिंटू बराड़िया, दुल्ली चंद ढल्ला व अन्य आयोजन की सफलता के लिए सक्रिय रहे.

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