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जयपुर,राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय का शिष्टमण्डल शनिवार को *अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के क्षेत्रीय संगठन मंत्री घनश्याम एवं संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रमेशचन्द्र पुष्करणा के नेतृत्व में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा* से जयपुर में मिला एवं शिक्षा हित में सुझाव देते हुए उन पर विचार कर कियान्वित करवाने के साथ साथ पिछले काफी समय से लम्बित शिक्षकों की समस्याओं का निस्तारण करवाने का आग्रह मुख्यमंत्री से हुए संवाद के दौरान किया।

*संगठन के प्रदेश महामंत्री महेन्द्र कुमार लखारा* ने बताया कि मुख्यमंत्री से हुयीं वार्ता के समय शिक्षकों को ग्रामीण भत्ता देने, विद्यालयों में पदो का आवंटन करवाने, शिक्षको के सभी सवंर्गों की बकाया डीपीसी करवाकर पदोन्नति का लाभ देकर नये सत्र से पूर्व विद्यालयों में विषयानुसार शिक्षको की पूर्ति करवाने, आरजीएचएस कटौती को आयकर में सम्मिलित करवाने के साथ साथ पिछली सरकार द्वारा अस्पतालो में उपचार के लिए लागू एक हजार की लिमिट एवं माह में पाँच आउटडोर के स्थान पर आवश्यकतानुसार इलाज की व्यवस्था करवाने, विभाग में सविंदा आधारित नियुक्ति पर रोक लगाते हुए नियमित नियुक्ति प्रकिया प्रारम्भ करने, संविदा पर लगे शिक्षाकर्मी, पैराटीचर्स, पंचायत शिक्षको को नियमित करने, राज्य सेवा एवं प्रशासनिक सेवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं में संस्कृत के 10 से 15 प्रश्न निर्धारित करवाने, माध्यमिक शिक्षा में नवनियुक्ति से पदों को भरने का प्रावधान करवाने, तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानान्तरण करवाने, अधिशेष शिक्षकों का समायोजन कर वेतन समस्या का निदान करवाने का आग्रह
किया गया।
*प्रदेश अध्यक्ष रमेश चन्द पुष्करणा* ने मुख्यमंत्री से शिक्षक कल्याण बोर्ड का गठन करवाने, वेतन विसंगतियों के निराकरण हेतु गठित सावंत एवं खेमराज कमेटी की रिर्पोटो को सार्वजनिक कर तत्काल उक्त सिफारिशों को लागू करने, गैर शैक्षणिक कार्यों से शिक्षकों को मुक्त करवाने, आरकेएसएमबी योजना पर पुर्नविचार कर निर्णय करवाने का आग्रह किया।
*अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के क्षेत्रीय संगठन मंत्री घनश्याम* ने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि शिक्षक संघ राष्ट्रीय शिक्षक हित में निष्पक्ष भाव से कार्य करने के साथ साथ राष्ट्रीय हित के कार्यों को कर्तव्य मानते हुए पूर्ण करने में अग्रणीय भूमिका में होने कारण संगठन को मान्यता प्रदान करने का आग्रह किया।
*प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष सम्पतसिंह* ने स्टाफिंग पेटर्न माध्यमिक शिक्षा में करवाकर आवश्यकता अनुसार पद आवंटन करने, शिक्षकों को अवकाश के दिन कार्य करने पर नियमानुसार उपार्जित अवकाश प्रदान करने, समस्त श्रेणी के विद्यालयों में शारीरिक शिक्षक, पुस्तकालयाध्यक्ष, सहायक कर्मचारी एवं कम्प्यूटर शिक्षक के पदों का सृजन करने, हिन्दी व अग्रेजी अनिवार्य विषय पद आवंटन करने का आग्रह मुख्यमंत्री से किया।
*प्रदेश उपाध्यक्ष डा अरूणा शर्मा* ने अनेक विषयो यथा साज्ञान, गृहविज्ञान, चित्रकला, उधोग, कला, शाशि शिक्षको की सम्पूर्ण सेवाकाल में न्यूनतम एक पदोन्नति का लाभ दिलाने, विद्यालयों में हैडटीचर का पद सृजन करने, अतिरिक्त विषय के अनुसार कार्यरत द्वितीय वेतन श्रृंखला को एक समान विषय अनुसार डीपीसी प्रक्रिया में सम्मिलित करवाने आदि का आग्रह किया गया।
*प्रदेश सभाध्यक्ष अशोक कुमार शर्मा ने* परीवीक्षा अवधि में अवकाश स्वीकृति के अधिकार न्यूनतम 120 दिन का निदेशालय को देने, पीडी मद में कार्यरत शिक्षकों को कोषालय के माध्यम से वेतन आहरण सुविधा प्रारम्भ करवाने, विद्यालयों में सहायक कर्मचारियों की अस्थायी व्यवस्था हेतु नरेगा में कार्यरत कार्मिकों के मस्टरोल अनुसार विद्यालयों में कार्य करवाने आदि का सुझाव मुख्यमंत्री को दिया गया।
*प्रदेश अतिरिक्त महामंत्री रवि आचार्य* ने बताया कि संगठन शिष्टमण्डल की डेढ घण्टे से अधिक हुए संवाद में मुख्यमंत्री ने सभी मोंगो को गहनता से सुनते हुए शीघ्र ही उचित समाधान करवाने एवं सुझावो पर विचार कर कार्यवाही करवाने हेतु संगठन शिष्टमण्डल को आश्वस्त किया।

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