
बीकानेर,राष्ट्रीय प्रवक्ता अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा के शिवराज बिश्नोई का किया अभिनन्दन । आपके अदम्य साहस, अथक परिश्रम और विराट समाज सेवा के प्रति समर्पण को देखकर नोखा नगर की जनता महसूस किया कि
आपका जीवन उस वटवृक्ष के समान है जिसकी छाया में मानवता शिक्षा, सेवा और संरक्षण की शीतल छाँव पाती है। आपके कार्यों में गंभीरता, प्रभावशीलता और मानवीय संवेदनाओं का अद्भुत समन्वय है, जो प्रत्येक कार्य शब्द को चिरस्मरणीय बना देता है ।
आपने NCERT पाठ्यक्रम में गुरु जंभेश्वर भगवान की पर्यावरणीय शिक्षाओं और वीरांगना *माँ अमृता देवी के बलिदान* (खेजड़ली घटना, १७३०) को तीन अध्यायों के माध्यम से स्थापित करवाकर एक क्रांतिकारी परिवर्तन का सूत्रपात किया। यह वही अमर गाथा है, जब ३६३ बिश्नोई वीरों ने “*सिर साँटे, रूँख रहे तो भी सस्तो जाण*” का उद्घोष करते हुए वृक्षों की रक्षा में प्राणों की आहुति दी थी । आपकी सामाजिक-राजनीतिक दृढ़ इच्छाशक्ति ने राजस्थान सरकार, केंद्र और समाजसेवी संस्थाओं के बीच तालमेल स्थापित कर इस लक्ष्य को साधा। इससे देश के कोटि-कोटि बालक अब पर्यावरण संरक्षण की इस गौरवगाथा से अनुप्राणित होंगे।
बीकानेर स्थित *माता हंसा देवी शिक्षण संस्थान* को *एक लाख वर्ग फुट भूमि* राज्य सरकार द्वारा आवंटित करवाना आपके रणनीतिक नेतृत्व का परिचायक है। यह भूमि केवल भौतिक संसाधन नहीं, अपितु समाज के भविष्य निर्माण का आधारस्तंभ बनेगी। आपने इसके माध्यम से नारी शिक्षा को समाजोत्थान का माध्यम बनाया।
जगदीश बिश्नोई जैसे शहीदों की स्मृति में *मूर्ति स्थापना* द्वारा आपने न केवल बिश्नोई समाज का गौरव बढ़ाया, अपितु युवा पीढ़ी को संस्कृति और बलिदान की मूक शिक्षा भी प्रदान की।
आपका *अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा* के माध्यम से जीव-कल्याण, चिकित्सा शिविरों और राजनीतिक-सामाजिक कार्यों में सक्रिय योगदान समाज के लिए प्रेरणादायी है। आपकी सेवाएँ उस “*अनवरत यज्ञ*” के समान हैं, जिसमें व्यक्तिगत सुख की आहुति देकर सार्वजनिक हित साधा जाता है।
आपका जीवन युवाओं के लिए वह दीपस्तंभ है जो अंधकार में मार्ग दिखाता है। नोखा धर्मशाला में आज जनता द्वारा आपका जो अभिनन्दन किया जा रहा है, वह केवल एक समारोह नहीं, अपितु *सेवा, साहस और समर्पण के प्रति कृतज्ञता का सांस्कृतिक उत्सव* है। जिस प्रकार अमृता देवी का बलिदान इतिहास में अमर हुआ, उसी प्रकार आपका योगदान भारत की शैक्षिक और सामाजिक धरोहर बनेगा। समाज में अलख जगाने वाले हर पथिक की यात्रा और कर्तव्यनिष्ठता युवाओं का प्रेरणा-पथ है।