राष्ट्रीय संत सरजूदासजी महाराज ने सरकार व बीडीए को दी चेतावनी-कब्जा करने की मानसिकता बदले,गोचर को छेडऩे नहीं देंगे













बीकानेर,यह बीकानेर का दुर्भाग्य है कि गोचर ओरण पर प्रशासन कब्जे की नियत बना रही है। यह उद्गार राष्ट्रीय संत सरजूदास महाराज ने मंगलवार को जिला कलक्ट्रेट के समक्ष आयोजित रुद्राभिषेक एवं गोपाल गौयज्ञ कार्यक्रम के दौरान व्यक्त किए। महामंडलेश्वर सरजूदास महाराज ने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि जो भाजपा सरकार सनातन की पक्षधर है, जो हिन्दुत्व की बात करती है और संत समाज का सम्मान करती है उसी सरकार में गोचर ओरण पर खतरा मंडरा रहा है। डबल इंजन की सरकार होने के बावजूद यदि गोचर ओरण का अस्तित्व खतरे में है तो यह उलटी गिनती मान लीजिए। सरजूदास महाराज ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि गोचर ओरण में किसी भी प्रकार की पार्टीबाजी नहीं चलने देंगे। हमें किसी पक्ष और विपक्ष की आवश्यकता नहीं है, गोचर को हम सुरक्षित करेंगे और यदि नहीं कर सके तो निश्चित रूप से देह त्याग देंगे। यह साफतौर पर कह देता हंू कि यह आयोजन केवल गोचर ओरण संरक्षण यानि गौमाता के लिए है, अभी अभिषेक और यज्ञ के माध्यम से सरकार व प्रशासन को सद्बुद्धि की कामना की गई है। समय रहते यदि ठोस कार्यवाही नहीं हुई तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा और उसका परिणाम भी सरकार को भुगतना पड़ेगा। अखिल भारतीय गोवंश गोचर संरक्षक संस्थान बीकानेर एवं गोचर ओरण संरक्षक संघ राजस्थान के तत्वावधान में महामंडलेश्वर सरजूदासजी महाराज एवं संत समाज के सान्निध्य तथा पं. जुगलकिशोर ओझा पुजारी बाबा व ज्योतिषाचार्य पं. राजेन्द्र किराड़ू के आचार्यत्व में गोचर ओरण भूमि संरक्षण के लिए जिला कलक्टर कार्यालय के समक्ष 151 वेदपाठी ब्राह्मणों द्वारा सुबह 11:30 से दोपहर 1:30 बजे तक रुद्राभिषेक एवं दोपहर 2 से 5 बजे तक गोपाल गौयज्ञ व आरती का आयोजन किया गया। आयोजन में पूज्य संत धरानंद जी महाराज, शिवबाड़ी मठ अधिष्ठाता विमर्शानंदगिरि जी महाराज, नवलकिशोरदास जी महाराज, सुभाषगिरी जी महाराज, सूरजनाथ जी महाराज, श्यामसुंदरदास जी महाराज, रामेश्वरानंदजी महाराज, आकाशानंद जी महाराज, शंकरपुरीजी महाराज, नारायणराम जी महाराज, संतोषानंद महाराज का सान्निध्य रहा। पं. राजेन्द्र किराड़ू ने बताया कि कार्यक्रम में मदन जैरी, मुरलीधर पुरोहित, उमेश किराडू, विमल किराडू, सुशील किराडू, हिमांशु किराडू, भवानी व्यास, मदन छंगाणी एवं संतोष व्यास, शिव गहलोत, भगवान अग्रवाल, कन्हैयालाल भाटी, कैलाश सोलंकी, सूरजप्रकाश राव, मनोज सेवग, महेन्द्र परिहार, निर्मल उपाध्याय, गिरधर जोशी, कमल व्यास आदि की प्रमुख सहभागिता रही।
