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बीकानेर,बीकानेर पशु एवं पशु विज्ञान विश्ववि‌द्यालय (RAJUVAS) के संघटक डेयरी विज्ञान एवं प्रौ‌द्योगिकी महावि‌द्यालय, बीकानेर में राष्ट्रीय दुग्ध दिवस बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। यह दिवस देश के महान दुग्ध पुरुष डॉ. वर्गीज़ कुरियन की स्मृति में प्रतिवर्ष 26 नवम्बर को मनाया जाता है।
इस अवसर पर महावि‌द्यालय के अधिष्ठाता डॉ. राहुल सिंह पाल ने बताया कि डॉ. वर्गीज कुरियन का जन्म 26 नवम्बर 1921 को हुआ था तथा उनका निधन 12 सितम्बर 2012 को हुआ। डॉ. कुरियन को भारत में श्वेत क्रांति का जनक कहा जाता है। उन्हीं के प्रयासों के कारण आज भारत विश्व में दुग्ध उत्पादन में प्रथम स्थान पर है। वर्तमान समय में राष्ट्रीय स्तर पर प्रति व्यक्ति दुग्ध उपलब्धता 471 ग्राम प्रति दिन हो गई है, जो कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान द्वारा सुझाए गए मानकों से भी अधिक है। फिर भी, हमारे देश में प्रति पशु प्रति दिन दूध उत्पादन अभी भी कम है, जिसे बढ़ाने के लिए सरकार, डेयरी समितियों तथा वैज्ञानिकों को मिलकर निरंतर प्रयास करने होंगे। इस दिशा में विभिन्न योजनाएँ और अनुसंधान कार्य राष्ट्रीय स्तर पर जारी है। उन्होंने कहा कि दूध हमारे दैनिक जीवन की मूलभूत आवश्यकता है, क्योंकि इसे एक संपूर्ण आहार के रूप में माना गया है। इसमें लगभग सभी आवश्यक पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो मानव शरीर के विकास व स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ओम प्रकाश भाभू, इंजीनियर, ऊरमूल डेयरी, बीकानेर ने वि‌द्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि डेयरी क्षेत्र में रोजगार के अवसर बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि उन्हें तकनीकी ज्ञान के साथ-साथ समर्पण और मेहनत से कार्य करते हुए डेयरी उत्पादों की गुणवत्ता बनाए रखने की कला सीखनी चाहिए।
कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. मुकुल सैन द्वारा की गई तथा कार्यक्रम के अंत में आभार व्यक्त भी डॉ. मुकुल सैन ने ही किया। इस अवसर पर महावि‌द्यालय के सभी शिक्षकगण, शैक्षणिक एवं गैर-शैक्षणिक स्टाफ उपस्थित रहे।

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