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बीकानेर,राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवम् राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बीकानेर के द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित की गयी। जिसमें जिला मुख्यालय, बीकानेर एवम् प्रत्येक ताल्लुका नोखा/श्रीडूंगरगढ/कोलायत/लूणकरणसर/खाजूवाला मुख्यालय पर सभी प्रकृति के विवादों के निस्तारण व प्रि-लिटिगेशन और लम्बित प्रकरणों को समाहित करते हुए शमनीय दाण्डिक अपराध, अंतर्गत धारा 138, परक्राम्य विलेख अधिनियम, बैक रिकवरी मामले, एमएसीटी मामले, पारिवारिक विवाद, श्रम विवाद, भूमि अधिग्रहण मामले, बिजली व पानी के बिल (चोरी के अलावा), मजदूरी, भत्ते और पेंशन भत्तों से संबंधित सेवा मामले, राजस्व मामले, अन्य सिविल मामले किराया, सुखाधिकार, निषेधाज्ञा दावे एवं विनिर्दिष्ट पालना दावे) आदि का अधिकाधिक रूप से निस्तारण लोक अदालत के माध्यम से किया गया। न्यायाधीश प्रमिल कुमार माथुर, जिला एवम् सेशन न्यायाधीश ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायालयों में लम्बित प्रकरणों में से कुल 7732 प्रकरण लोक अदालत में रखे गये। जिनमें 2831 प्रकरणों का लोक अदालत की भावना से निस्तारण हुआ तथा 104901755 राशि का अवार्ड पारित किया गया। इसके अलावा प्रि-लिटीगेशन के 17074 प्रकरण रखे गये जिनमें से 435 प्रकरणों का निस्तारण लोक अदालत की भावना से होकर उनमें से 60300827 राशि का अवार्ड पारित किया गया। इस प्रकार कुल मिलाकर 24806 प्रकरण में 3266 प्रकरणों का निस्तारण राजीनामें से हुआ। जिनमें कुल 165202582 का अवार्ड पारित हुआ। मनोज कुमार गोयल, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने लोक अदालत बैंचों के सभी सदस्यों, अधिवक्तागण, समस्त बैंकों के मैंनेजर/अधिकारीगण, पक्षकारों, कर्मचारीगण का इस लोक अदालत के आयोजन में सकारात्मक भूमिका अदा करने के लिये धन्यवाद प्रकट किया एवम अपील की कि भविष्य में भी आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालतों में समाज का प्रत्येक वर्ग सकारात्मक योगदान देवें। राजस्व के मामलों का भी निस्तारण
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिसमें पहली बार राजस्व मुकद्मों को भी आपसी सहमति के आधार पर निस्तारण करने हेतु शामिल किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बीकानेर के तत्वावधान में आयोजित इस लोक अदालत में राजस्व एवं उपभोक्ता विवाद प्रतितोष बैंच का भी गठन किया गया। जिसमें श्री दयाराम गोदारा (सेवा निवृत एडीजे), श्री मोहम्म्द इम्तियाज भाटी तहसीलदार एवं श्री जितेन्द्र कुमार जैन, अधिवक्ता सदस्य के रूप में उपस्थित हुए। इस राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 92 प्रकरण सुनवाई हेतु रखे गए। जिसमें 09 प्रकरणों का पक्षकारों की आपसी सहमति से निस्तारण किया गया। इनमें से एक प्रकरण खाता विभाजन का था जिसमेें पक्षकार उपस्थित रहे और यह कार्यवाही बहुत ही सौहार्दपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुई, जो लोक अदालत की सार्थकता को सिद्ध करती है।
आये थे अलग होने को साथ होकर गये
पारिवारिक न्यायालय, बीकानेर में आज राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजन के दौरान पारिवारिक न्यायालय सं 1, 2 एवं 03 में कुल 194 प्रकरण रखे गए। जिनमें से आपसी समझाईस से ऑन लाइन एवं ऑफलाइन दोनो ही तरीको से पारिवारिक न्यायालयों में कुल 68 वैवाहिक विवादों के प्रकरणों का निस्तारण किया गया। पारिवारिक न्यायालयों बीकानेर के पीठासीन अधिकारीगण श्री सुशील कुमार जैन एवं श्री राजेन्द्र कुमार शर्मा तथा आशा कुमारी ने बताया कि इनमें से कई प्रकरणों में पति पत्नि के मध्य वैवाहिक विवाद होने से पति पत्नि एक दूसरे से पृथक-पृथक निवास करते हुए जीवन यापन कर रहे थे। इन पति पत्नि ने विभिन्न आरोपों को लेकर एक दूसरे पर वैवााहिक विवाद किये हुए थे। इन सबके मध्य न्यायालय में लम्बित वैवाहिक विवादों में आज लोक अदालत में समझाइस करवाई गई जिस पर सभी ने लोक अदालत की भावना से प्रेरित होकर पुराने सब झगडो को समाप्त कर न्यायालय में लम्बित समस्त प्रकरणों का राजीनामे से निस्तारण करवाते हुए बतौर पति पत्नि सुखद दाम्पत्य जीवन व्यतीत करने के लिए न्याायालय से ही साथ साथ गए। इनको न्यायालय के पीठासीन अधिकारीगण द्वारा संकल्प दिलवाया गया कि इनके आस पडौस , रिश्तेदारी व जान-पहचान वालो में यदि कोई वैवाहिक विवाद होगा तो ये पक्षकरान आज न्यायालय में समझाइस में मिली सीख को मध्य नजर रखकर उनको भी अपने स्तर पर समझााकर उनके मध्य हो रहे वैवाहिक विवाद का निस्तारण करवायेगे। इस अवसर पर जिला विधिक प्राधिकरण, बीकानेर के अध्यक्ष प्रमिल कुमार माथुर, जिला एवं सेशन न्यायाधीश एवं मनोज कुमार गोयल, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बीकानेर ने भी पक्षकारान को संकल्प दिलवाया। समझाइस के दौरान न्यायालय में इन पक्षकारान के परिवारजन भी उपस्थित रहे, उन्हे भी न्यायालय द्वारा संकल्प दिलवाया गया।

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