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बीकानेर,आई.आई.टी., रूड़की स्थित नेषनल इन्स्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलोजी पर्यावरण विज्ञान विभाग, महाराजा गंगा सिंह विष्वविद्यालय, राजकीय डूंगर महाविद्यालय, सिस्टर निवेदिता महाविद्यालय, बीकानेर अन्य स्थानिय विभागों, निकायों के सहयोग से बीकानेर जिले के जल स्त्रोतों के संरक्षण व प्रबन्धन हेतु स्टेटस सर्वे का “ब्ल्यू प्रिन्ट” तैयार करेंगे। इसी क्रम में बीकानेर शहर के हंसोलाओ, संसोलाओ, फूलनाथजी, महानंदजी, धरणीधर आदि के तालाब, तलाइया, कुएं, आगोर क्षेत्रों का अवलोकन किया। अवलोकन के दौरान स्थानीय समुदायों द्वारा किए जा रहे संरक्षण व संवर्धन के कार्यों की समीक्षा की वह साथ ही स्थानीय निकायों एवं प्रशासन द्वारा समय समय इन तालाबों के आगोर क्षेत्रों में डंपिंग ग्राउड बनाना, अतिक्रमण व स्थनीय निकायों द्वारा पट्टे जारी करने पर चिंता जताई।
जबकि सरकार बीकानेर जिले मे पानी की समस्या के स्थाई समाधान हेतु जिले के जल स्त्रोतों की हाइड्रोलोजीकल स्टेटस रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है। जिसके चलते “इन्स्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलोजी” के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एल.एन. ठकुराल एवं जे.पी. पात्रा के नेतृत्व मे सर्वेक्षण दल बीकानेर में पिछले 3 दिनों से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न जल स्रोतों का सर्वेक्षण किया जा रहा है।
सर्वेके दौरान दलके साथ दौरान दल के वैज्ञानिकों ने महाराजा गंगा सिंह विष्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष, प्रो. अनिल कुमार छंगाणी, डूंगर महाविद्यालय के डॉ प्रताप सिंह व डॉ ब्रज रतन जोशी, सिस्टर निवेदिता महाविद्यालय के डॉ रितेश व्यास, समाजसेवी लक्ष्मण मोदी, शहर के विभिन्न तालाबों के प्रबंध मंडलों से जुड़े श्री अनुराग हर्ष, श्री हरी शंकर आचार्य, शोध छात्रों डॉ. करणी सिंह, विष्णु आचार्य आदि ने भी दल के साथ शहर के जल स्रोतों का अवलोकन किया और वर्तमान स्थितियों पर चर्चा की।
शीघ्र ही बीकानेर जिले के जल स्रोतों पर स्टेटस रिपोर्ट तैयार कराई जाएगी राज्य एवं केंद्र सरकारों के साथ कार्य योजना बनाई जाएगी।

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