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बीकानेर/श्रीडॅूंरगढ़ नेम प्रकाश्शन,डेह जिला-नागौर द्वारा दिए जाने वाले राजस्थानी के वार्षिक राष्ट्रीय पुरस्कारों की घोषणा कर दी गई है। पुरस्कार घोषणा की विज्ञप्ति जारी करते हुए संस्थान के अध्यक्ष पवन पहाड़िया ने बताया कि राजस्थानी साहित्य की विविध विधाओं में श्रेष्ठ सृजन करने वाले कुल 16 साहित्यकारों को उनके सृजन एवं रचनात्मक साहित्यिक अवदान के आधार पर पुरस्कृत किया जाएगा। राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति की आजीवन सेवा के लिए दिया जाने वाला जुगल किशोर जैथलिया राजस्थानी भाषा सेवा सम्मान इस बार प्रगतिशील चेतना के मुखर कवि, राजस्थानी अकादमी के पूर्व अध्यक्ष और राष्ट्रभाषा हिंदी प्रचार समिति श्री डूंगरगढ़ के अध्यक्ष वरिष्ठ साहित्यकार श्री श्याम महर्षि को अर्पित किया जाएगा। संस्था का प्रतिष्ठित नेमीचंद पहाड़िया राजस्थानी पद्य पुरस्कार लोक चेतना की त्रैमासिकी राजस्थली के सम्पादक कवि-कथाकार रवि पुरोहित को उनकी काव्य कृति ‘उतरूं ऊंडै काळजै’ पर घोषित किया गया है। संयोजक लक्ष्मणदान कविया ने बताया कि सभी पुरस्कार विजेताओं को 12 सितम्बर, 2021 को डेह स्थित ‘कुंजल माता मंदिर’ परिसर में आयोज्य भव्य समारोह में सम्मान अर्पित किये जायेंगे ।
श्याम महर्षि इससे पूर्व सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार, कोलकाता के प्रतिष्ठित रचना समग्र पुरस्कार, राज्य सरकार से श्रेष्ठ सृजन पुरस्कार, राजस्थानी अकादमी के गणेशीलाल व्यास उस्ताद पुरस्कार सहित अनेक पुरस्कारों व सम्मानों से समादृत हो चुके हैं। दो दर्जन से अधिक पुस्तकों क ेलेखक-सम्पादक महर्षि अनेक संस्थानों में पदाधिकारी हैं और आपकी साहित्य साधना पर अनेक बार शोध कार्य हो चुके हैं।
कवि-कथाकार-सम्पादक रवि पुरोहित साहित्य अकादमी, दिल्ली, राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर, राजस्थानी अकादमी, बीकानेर, राज्य सरकार सहित 100 से अधिक संस्थाओं द्वारा पुरस्कृत-सम्मानित हो चुके हैं। बीस से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हैं और पुरोहित की रचनाएं अनेक भाषाओं में अनूदित हो चुकी है। काव्य कृति उतरूं ऊंडै काळजै पर दस से अधिक पुरस्कार मिल चुके हैं और इस कृति की कविताओं का 15 से अधिक भाषाओं में अनुवाद हुआ है।

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