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बीकानेर,श्रावण मास,सोमवार,पंचमी का संयोग धार्मिक पूजा पाठ की दृष्टि दुर्लभ व शुभ संयोग होता है। खाशकर शिवपूजा आराधना के लिये यह दिन सर्वश्रेष्ठ है,नाग या सर्प दोष पितृ दोष निराकरण के लिये आज का दिन व आने वाला इस माह का अंतिम सोमवार भी महत्वपूर्ण है यह उदगार संत भावनाथजी महाराज ने आश्रम स्थित शिवालय परिसर में आयोजित शिव महिमा व शिवपुराण पर आख्यान के समय व्यक्त किया। रमक झमक के अध्यक्ष सस्कृतिविद प्रहलाद ओझा ‘भैरुं’ ने कहा कि भगवान शिव को समर्पित यह महीना प्राकृतिक व सांस्कृतिक दृष्टि से महत्व पूर्ण है। आख्यान में शंकर कुमावत,बजरंग राजपुरोहित,बद्री शर्मा, किशन गहलोत, प्रकाशराम व चौरुलाल सहित अनेक शिव भक्तों,प्रकृति प्रेमियों व गौ भक्तों ने विचार व्यक्त किए। आश्रम स्थित गौ शाला के नजदीक सोमवार को अभिषेक के साथ में श्रीमती शरीता शर्मा,अलका गहलोत,लक्ष्मी ओझा व नानू देवी आदि महिलाओं ने पंचाक्षरी स्तोत्र,शिव महिमन का सामूहिक पाठ किया।

रुद्रासूक्त वेदमंत्रों से पण्डित शुरेश व प.बद्री महाराज ने यज्ञ में श्रद्धालुओं से आहुतियां दिलाई तथा गौ पूजन व बिल्वपत्र वृक्ष का पूजन करवाया। दिन भर भजन गंगा का प्रवाह भी चलता रहा जिसमें कलाकारों ने भगवान शिव व पार्वती के पौराणिक भजन प्रस्तुत करते हुवे शिवजी की महिमा का बखान किया।इस अवसर पर महाप्रसादी भी की गई।आश्रम के अधिष्ठाता संत भावनाथ महाराज ने कहा कि आगामी सोमवार को भी आश्रम में अभिषेक के साथ कई धार्मिक अनुष्ठान होंगे।

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