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बीकानेर,राजस्थानी-हिन्दी के वरिष्ठ साहित्यकार स्व. नरपतसिंह सांखला की स्मृति में स्थापित प्रथम नरपतसिंह सांखला राजस्थानी कविता पुरस्कार राजस्थानी के वरिष्ठ साहित्यकार एवं राजस्थानी भाषा मान्यता आंदोलन के आगीवान डेह-नागौर के पवन पहाडिया को उनकी चर्चित राजस्थानी काव्य पुस्तक ‘सांसों सांस लड़ै जिंदगाणी’ के लिए आगामी 21 मार्च को एक भव्य समारोह में नागरी भंडार, बीकानेर में संस्थान द्वारा अर्पित किया जाएगा।

संस्थान के अध्यक्ष कमल रंगा ने बताया कि स्व. सांखला की स्मृति में स्थापित 11000/- के पुरस्कार के निर्णायक वरिष्ठ साहित्यकार शिवराज छंगाणी, वरिष्ठ आलोचक डॉ उमाकान्त गुप्त वरिष्ठ कवि-कथाकार मदन सैनी एवं वरिष्ठ लेखक डॉ भंवर भादाणी रहे।

संस्थान के समन्वयक एवं सचिव संजय सांखला एवं कासिम बीकानेरी ने बताया कि वरिष्ठ साहित्यकार पवन पहाड़िया की एक दर्जन से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हुई और चर्चित रही है। आप गत 3 दशकों से सृजनरत है और साहित्य की कई विधाओं में आपकी रचनाएं प्रकाशित होती रही है। आप केन्द्रिय साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली से बाल साहित्य के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित है, आपको रोटरी क्लब, बीकानेर का राजस्थानी गद्य पुरस्कार भी प्राप्त है एवं च्रदं सिंह बिरकाली साहित्य पुरस्कार कन्हैयालाल सेठिया भाषा सम्मान के साथ ही आपको राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर के अन्य पुरस्कार व अनेक सम्मान प्राप्त हो चुके है। आप एक कुशल आयोजक भी है।

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