बीकानेर,रात घड़ी की सुइयां जब 12 बजा रही थी तब मानो पूरा वातवरण ही ऐसे जयकारों से कृष्णमय हो गया अवसर था साक्षात द्वारिकाधीश के अवतरण का
“कान्हा” के जन्म की खुशी में पूरा शहर ही झूम उठा आनंदित हो उठा चहुओर वातावरण में “नंद के आनंद…के जयकारों के साथ ही थालियां बजने की करतल ध्वनि भी कानों को शुकून दे रही थी। यशोदा के लाल के जन्म पर आस्थावान लोगों ने थालियां बजाकर,शंख नाद कर अपनी खुशी का इजहार किया। मंदिरों में पंचामृत से कान्हा का अभिषेक किया गया आरती के बाद पंचामृत और पंजीरी का प्रसाद वितरण किया गया गली-गली में दंभी कंस का प्रतीकात्मक वध किया गया लोगों ने एक दूसरे को बधाइयां बांटी ठंठेरो का मौहला नीलम स्टुडियो के सामने वाली गली मे शंकरलाल जी के घर मे श्री कृष्ण जन्माष्टमी की झांकी सजाई गई है जिसमे कोडम देसर भैरूनाथ बाबा का मंदिर बनाया गया है बिल्कुल वैसे जेसे कोडमदेसर मे है साथ
महाकाल बाबा केदारनाथ धाम
बीकानेर एयर पोर्ट बीकानेर रेल्वे स्टेशन भी बनाएं गए है
कान्हा बने है वत्सल सोनी
सभी भक्तो ने ज्यादा से ज्यादा पधार कर कृष्ण जन्माष्टमी पर भैरूनाथ बाबा से आशिर्वाद लिया सजावट का काम किया है गिरधर सोनी योगेश केशव गोकुल दीपक जय माधव कृष्णा मुकुंद गौरांग सुशील माली (DZIRE boy) द्वारा भव्य झांकियां सजाई गई है