Trending Now












बीकानेर,पगड़ी व साफा हमारी संास्कृतिक पहचान है, पगड़ी-साफा बांधने की कला निरन्तर लुप्त प्रायः होती जा रही है-उसके संरक्षण-संवर्द्धन की आवश्यकता है। यह कला आज इन बच्चों के मध्य उपस्थित होकर हमारी इस सांस्कृतिक धरोहर को इन बच्चों को सिखा कर सौंप रहा हूँ। जिससे यह बच्चे आने वाले समय में हमारी सांस्कृतिक विरासत को कायम रखें। यह उद्गार व्यक्त किए प्रसिद्ध साफा पगड़ी विशेषज्ञ कृष्णचंद पुरोहित ने नालन्दा पब्लिक सी. सै. स्कूल में चल रहे 7 दिवसीय राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर में। आगे बताते हुए पुरोहित ने कहा कि भारत में हर 15 कोस में पगड़ी, पानी और बोली परिवर्तित हो जाती है। इस कारण से राजस्थान में 155 प्रकार की पगड़ी साफा बांधे जाते है और मैं 135 प्रकार के पगड़ी साफा बांधने में सिद्धहस्त हूँ। इस अवसर पर कृष्णचंद पुरोहित ने बच्चांे को साफा बांधना सिखाया। साथ ही दसों अंगुलियों पर साफे बांधकर बच्चों को बताया इसे देखकर बच्चें आश्चर्यचकित हो गए।

द्वितीय सत्र में इलेक्ट्रिकल ईजि. आशीष रंगा के नेतृत्व में शिविरार्थियों ने शाला की छत पर स्थित सोलर प्लांट का अवलोकन किया। ईजि. आशीष रंगा ने सोलर प्लांट से किस प्रकार मोनोक्रिस्टलाइन व पोलीक्रिस्टलाइन से सौर बिजली का उत्पादन होता है के बारे में बताया। इसके पश्चात् छात्रा/छात्राओं ने बैडमिंटन टेबलटेनिस एवं कई पुराने परम्परागत खेलों का आनंद लिया। जिनके बारे में छात्रों को पूर्व में जानकारी नहीं थी यह खेल शाला अध्यापिका दूर्गा रंगा एवं इन्दूबाला व्यास ने सिखाएं। इसके पश्चात् छात्र/छात्राओं ने भोजन में छोले भटुरों का आनंद लिया।
शिविर के पांचवे दिन के तृतीय सत्र में शिविरार्थियों ने शाला के पास स्थित उदयगिरी जी समाधि स्थल एवं त्रिपुरासुंदरी राजराजेश्वरी मंदिर परिसर में श्रम दान किया। श्रम दान करने में विशेष योगदान देने वाले विशेष शिविरार्थीे प्रणव शर्मा, वैभव व्यास, हिमांशु ओझा, पीयुष जोशी, श्रद्धा श्रीमाली, शशिकला सोनी, हर्षिता शर्मा, किरण विश्नोई, हर्षवर्द्धन ओझा, भानु ओझा, पीयुष शर्मा आदि थे। इस श्रमदान कार्य का उदयगिरी जी समाधि स्थल पर उपस्थित श्री रामेश्वर व्यास, आशानंद ओझा, नवल पुरोहित, आशुतोष हर्ष आदि ने बच्चों के इस श्रमदान कार्य की भुरी-भुरी प्रशंसा की। इस श्रमदान कार्य श्रीमती हेमलता व्यास, अंजु राव, आशीष रंगा, प्रवीण राठी आदि की देख-रेख में हुआ।
इसी सत्र में आयुर्वेद को बढ़ावा देने वाले देवकीनंदन शर्मा ने हमारे जीवन में तुलसी की औषधीय गुणों के बारे में बताया।
आज के कार्यक्रम का संपूर्ण संचालन शिविर प्रभारी हरिनारायण आचार्य के नेतृत्व में हुआ। सभी आगन्तुकों का आभार व सम्मान शाला प्राचार्य राजेश रंगा ने किया।

Author