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बीकानेर। डिजिटाइजेशन के दौरान लगातार चार पांच महीने तक हमने काम किया। लाखों डॉक्यूमेंट डिजिटल किए। वो दौर ऐसा था जिसमें 18 घण्टे भी कम नजर आते थे। उस दौर में नागेंद्र शर्मा की भूमिका को भुलाया नहीं जा सकता। नागेंद्र शर्मा अभिलेखगार में इलेक्ट्रिशियन थे। लेकिन इन्होंने काम मे रुचि ली और सभी काम सीखे। कम्प्यूटर का काम सीखने वाले एक मात्र कर्मचारी रहे, जिनकी वजह से दस्तावेजों के डिजिटाइजेशन का काम शुरू किया जा सका। यह बात राज्य अभिलेखगार के निदेशक डॉ महेंद्र खड़गावत ने कही। अवसर था नागेंद्र शर्मा की सेवानिवृत्ति पर आयोजित सम्मान एंव विदाई समारोह का। शर्मा करीब 36 साल की सेवा के बाद मंगलवार को रिटायर हो गए। राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ लोकतांत्रिक के प्रदेशाध्यक्ष बनवारी शर्मा ने नागेंद्र शर्मा को कर्मठ कर्मचारी बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे कर्मचारियों की बदौलत ही डॉ खड़गावत ने अभिलेखगार की पहचान विश्व मे बनाने में सफलता हासिल की है। महासंघ के कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष रमेश तिवाड़ी, सहायक निदेशक हरिमोहन मीणा सहित सभी कर्मचारी उपस्थित थे। संचालन मनीष मोदी ने किया।

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