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बीकानेर,महज पचास रूपये के लिये एक बुजुर्ग की हत्या करने वाले अपराधी को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय अपर सेशन न्यायाधीश संख्या पांच ने मुलजिम जीतू उर्फ कालू जीनगर को यह सजा तीन साल पहले कमला कॉलोनी में हुए प्रेम कुमार सरदाना हत्याकांड में सुनाई है। जानकारी में रहे कि जीतू उर्फ कालू जीनगर पुत्र धन्नाराम ने २ अगस्त २०२० को महज पचास रूपये नहीं देने पर बुजुर्ग प्रेम कुमार सरदाना की चाकू घोंप कर हत्या कर दी थी। इस मामले में न्यायालय ने मुजरिम जीतू उर्फ कालू आर्म्स एक्ट सहित अनेक मामलों में सजा सुनाई है।

घटना के अनुसार जीतू उर्फ कालू ने शराब के लिए पचास रुपए मांगे थे जो प्रेम कुमार ने देने से मना कर दिया। इस पर नाराज होकर जीतू ने अपने पास रखे चाकू से प्रेम कुमार पर कई वार कर दिए। प्रेम कुमार को गंभीर अवस्था में पीबीएम अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। ये मामला पहले मारपीट और हत्या के प्रयास की धाराओं के साथ दर्ज हुआ था लेकिन बाद में मृत्यु होने पर हत्या का दर्ज हो गया। पुलिस ने मामले में चालान पेश कर दिया। अपर लोक अभियोजक धर्मेंद्र कुमार रंगा ने इस मामले में पक्ष और गवाह पेश किए। बड़ी संख्या में गवाह और सबूत पेश करने के बाद अदालत ने बुधवार को पीठासीन अधिकारी अनुभव सिडाना की अदालत ने फैसला सुनाया। जिसमें जीतू उर्फ कालू को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। साथ ही एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। अदालत ने चाकू रखने पर आर्म्स एक्ट के तहत भी उसे दोषी माना है। जिसके लिए अलग से सजा सुनाई गई है। ये सभी सजा साथ-साथ चलेगी। स मामले में सजा दिलाने के लिए कुल तेरह गवाह अदालत में पेश हुए। इनमें अधिकांश मृतक के रिश्तेदार थे। इसके अलावा पुलिस अधिकारियों ने भी गवाही दी। कोटगेट थाने के तत्कालीन थानाधिकारी धरम पूनिया ने भी गवाही दी। इसके अलावा 29 सबूत और कागजात रिकार्ड पेश किए गए। इन्हीं के आधार पर अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। न्यायालय ने मुजरिम को धारा 341 के तहत एक महीने का कारावास और दो सौ रुपए का अर्थदंड,धारा 327 के तहत सात साल का कारावास और पांच हजार रुपए का अर्थदंड,धारा 302 के तहत हत्या करने पर आजीवन कारावास और एक लाख रुपए का अर्थदंड और आर्म्स एक्ट के तहत दो वर्ष का कारावास और दस हजार रुपए का अर्थदंड

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