Trending Now












बीकानेर,नगर निगम के सफाई कर्मचारी और सहायक कर्मचारियों से बाबू का काम लिया जा रहा है। बढ़ाने के लिए आवश्यक होता है। एईएन कर रहे ‘बाबू’ बताया जा रहा है कि निगम में कनिष्ठ लिपिक से अतिरिक्त प्रशासनिक स्तर के अधिकारी तक के 62 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 32 पद खाली पड़े हैं

नगर निगम मंत्रालयिक कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है। निगम में स्वीकृत मंत्रालयिक कर्मचारियों के 50 फीसदी पद रिक्त चल रहे हैं।हाल ही में हुई डीपीसी से कई शाखाओं में अब कनिष्ठ लिपिक के पदों पर कर्मचारी नहीं है, जबकि कई शाखाएं अब भी बिना मंत्रालयिक कर्मचारियों के चल रही है। निगम के सफाई कर्मचारी और सहायक कर्मचारियों से बाबू का काम लिया जा रहा है।बताया जा रहा है कि निगम में कनिष्ठ लिपिक से अतिरिक्तप्रशासनिक स्तर के अधिकारी तक के 62 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 32 पद खाली पड़े हैं।

एलडीसी के 30 पद, कार्यरत महज 11

किसी भी कार्यालय में कनिष्ठ लिपिक का पद सरकारी पत्रावलियों को तैयार करने के साथ उनको आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक होता है।इसी लिए इन्हें विभागों की रीढ़ भी कहा जाता है। निगम में कनिष्ठ लिपिक के 30 पद स्वीकृत हैं, लेकिन डीपीसी के बाद अब केवल 11 पदों पर ही कनिष्ठ लिपिक कार्यरत है। 19 पद रिक्त चल रहे है। वहीं यूडीसी के 16 पद स्वीकृत हैं, इनमें से चार रिक्त चल रहे हैं। सहायक प्रशासनिक अधिकारी के 10 पद स्वीकृत हैं। इनमें से महज एक पद भरा हुआ है, जबकि नौ पद खाली पड़े हैं। अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी के दो पद हैं, दोनों भरे हुए हैं।

निगम की कई शाखाओं में तो कनिष्ठ लिपिक ही नहीं है। बताया जा रहा है कि निगम की स्थापना शाखा, उद्यान शाखा, विद्युत शाखा जन्म मृत्यु पंजीयन शाखा और गैराज शाखा में कनिष्ठ लिपिक ही नहीं है।

एईएन कर रहे हैं बाबू का काम

मंत्रालयिक कर्मचारियों की कमी का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है निगम की दो महत्वपूर्ण शाखाएं बिना ‘बाबू’ के चल रही है। इन शाखाओं के सहायक अभियंता ही ‘बाबू’ का भी काम कर रहे हैं। निगम की विद्युत मामला शाखा और गैराज शाखा के सहायक अभियंता ही विभिन्न कार्यों की पत्रावलियों का सम्पूर्ण कार्य भी कर रहे हैं।

अटक रहे काम, लग रहा ढेर

निगम में बाबुओं की कमी का असर यह है कि निगम के कार्यालयी कार्यों के साथ आमजन से संबंधित काम भी अटक रहे हैं। विभिन्न शाखाओं में फाइलों के ढेर लगे हैं। निष्पादन नहीं हो पा रहा है। कई बाबू ऐसे हैं, जिनके पास दो से अधिक अनुभागों का कार्यभार है। इससे न केवल कार्यों की गति धीमी बनी हुई हैं बल्कि कार्यों की गुणवत्ता पर भी असर नजर आ रहा है।

सरकार स्तर का मामला

रिक्त कर्मचारियों के पदस्थापन का मामला सरकार स्तर का है। निगम की ओर से समय-समय पर सरकार को रिक्त पदों की स्थिति से अवगत करवाया जा रहा है। कार्यरत मंत्रालयिक कर्मचारियों से कार्य को सुचारु बनाए रखने के प्रयास किए जा रहे हैं। पंकज शर्मा, आयुक्त, नगर निगम बीकानेर।

Author