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बीकानेर,तेरापंथ धर्मसंघ के विशिष्ट संत मुनि श्री महेन्द्र कुमार जी की स्मृति सभा गुणानुवाद सभा शांति निकेतन में चतुर्विध तीर्थ के रूप में आयोजित की गई। इस अवसर पर मुनि श्री चैतन्यकुमार “अमन” ने कहा- मुनि महेन्द्र कुमार जी तेरापंथ के आल राउंडर वैज्ञानिक संत थे। आगम मनीषि, प्रेक्षा प्राध्यापक एवं बहुश्रुत परिषद के संयोजक थे। अनेक भाषाओं के भाषाविद् होने के साथ अंग्रेजी भाषा पर उनका विशेष अधिकार था। वातावरण को सरस बनाने में वे माहिर थे। तीन आचार्य की उन्हें विशेष कृपा प्राप्त थी। स्वयं पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम उनके फैन बने हुए थे। ऐसे ब्यक्तित्व का चले जाना क्षति तो अवश्य है, किन्तु इसे रोकना भी नामुमकिन है। उनका पार्थिव शरीर तो नहीं रहा किन्तु उनका यश शरीर आज भी अमर है और रहेगा।
मुनि श्रेयांश कुमार जी ने उनकी विशेषताओं को उजागर करते हुए पद्यों को प्रस्तुत करते हुए गीतिका का संगान किया।
शासनश्री साध्वी शशि रेखाजी ने कहा – विचारों का आदान-प्रदान कराने में माहिर संत थे। आगम सम्पादन के कार्य से उनकी एक अलग पहचान थी। उनके जीवन ने अप्रमादता
 का भाव रहता था।
साध्वीश्री ललितकला जी ने कहा- आगमों के गहन ज्ञाता ही बहुश्रुत कहलाता है। प्रबुद्धचेता मुनि महेन्द्र कुमारजी अन्तिम समय तक गण का भंडार भरते रहे। स्वयं अध्ययन शील होने के साथ अनेक सन्तों को उन्होंने तैयार कर दिया था इस अवसर पर नवकार महामंत्र से कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ।
साध्वियों ने समूह स्वरों में गीत प्रस्तुत किया। उसके बाद तेरापंथी महासभा के संरक्षक जैन लूणकरण छाजेड़, तेरापंथी सभा के अध्यक्ष अमरचन्द सोनी, अणुव्रत समिति के मनोज छाजेड़, तेरापंथ युवक परिषद् से उपाध्यक्ष विनीत बोधरा, तेरापंथ महिला मंडल उपाध्यक्ष संजू लालाणी ने मुनि श्री महेन्द्र कुमार जी की विशेषताओ को बताते हुए अपनी ओर तथा समाज की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की। अन्त में चार लोगस्स के ध्यान से मुनिवर के प्रति श्रद्धा समर्पण किया। कार्यक्रम का संचालन देवेन्द्र डागा ने किया।

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