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बीकानेर,रालोपा सुप्रीमो सांसद हनुमान बेनीवाल के पड़ाव को देखते हुए प्रशासन ने तड़के चार बजे उनसे मौके पर पहुंच समझौता किया। मांगों पर जल्द और ठोस कार्रवाई का आश्वासन दिया। बेनीवाल ने पहले किए गए समझौते की अनदेखी का आरोप लगाया। चेतावनी दी, अब कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन उग्र हो सकता है। उसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। मुद्दे दो हैं, एक-अवैध खनन, रॉयल्टी के मामलों में तुरंत कार्रवाई, एफआईआर और दोषियों को सजा मिले। दूसरा-खाजूवाला गैंगरेप-मर्डर मामले में अब भी काफी कुछ छिपाया जा रहा है। दोषियों को समाने लाएं। पूरे थाने के स्टाफ को हटाएं। सजा मिले और पीड़ित परिवार को राहत मिले।

रात को लगभग 12 बजे हनुमान बेनीवाल बीकानेर कलेक्ट्रेट पहुंचे उससे लगभग दो घंटे पहले ही उनके समर्थकों ने यहां डेरा डाल दिया था। बेनीवाल भी गाड़ियों के हुजूम के साथ आए। किसी भी तरह का तनाव या अप्रिय घटना न हो इसके लिए पुलिस-प्रशासन चाक-चौबंद था। बैरिकेड्ड के अंदर और बाहर दोनों तरफ पुलिसकर्मियों की सुरक्षा दीवार बनाई गई थी। थानों के अधिकारियों से लेकर सीओ तक मौके पर तैनात थे। एडिशनल एसपी राउंड लेते रहे। दो से चार बजे के बीच बार-बार वार्ता हुई और आखिरकार चार बजे अधिकारियों ने मौके पर आकर बेनीवाल की मौजूदगी में मांगें मानने को आश्वस्त किया। वे अपने काफिले के साथ रवाना हुए। उसके बाद पुलिस का लवाजमा भी कलेक्ट्रेट से हटा

देर रात बेनीवाल ने ‘बातचीत की उसमें कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। स्थानीय मंत्री से लेकर भाजपा के रवैये तक सवाल खड़े हुए हैं। बेनीवाल ने दावा किया कि पीड़ित परिवार से मिलकर और पूरी छानबीन करने के बाद यह तथ्य बता रहा हूं। इनमें से कुछ सवाल-आरोप बिन्दुवार:पीड़िता (मृतका) पर दबाव बनाया जा रहा था कि वह दूसरी महिलाओं से आरोपियों के संपर्क करवाएं।

पूरा थाना इस घटना से अच्छी तरह वाकिफ था। मौत के बाद पहले ही दिन अधिकारी भी सब कुछ जान गए थे।
-मामले को दबाने के लिए तुरत-फुरत समझौता लागू कर शव का अंतिम संस्कार करवाने की तैयारी हुई थी।
-45 पुलिसकर्मियों की पोस्टिंग है खाजूवाला थाने में। इनमें से 12 पद खाली है। बाकी सभी 33 इस घटना से जुड़े हैं। सबके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। सात को ही अन्यत्र तबादला किया है।पूर्व सीआई ने मामले की जानकारी होते हुए भी पीड़िता की मौत से कई दिन पहले उसके पिता को बुलाकर धमकाया।

बेनीवाल बोले-मैं इस इलाके के विधायक मंत्री गोविंदराम मेघवाल को पहले से जानता हूं, ये 10 साल पहले ऐसे नहीं थे। अब जो बातें सामने आई हैं उसमें यह पता चला कि पीड़ित परिवार की मदद करने की बजाय उन्होंने धमकाया। इसके साथ ही यह भी बोले कि वहां बहुत कचरा एकत्रित हो गया है, उसे साफ करना पड़ेगा। भारतीय जनता पार्टी भी यहां खानापूर्ति जितना विरोध कर रही है। केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल इस परिवार से मिलने तक नहीं आए। इस मामले में पीड़ित परिवार को आज तक एक रूपए की भी मदद नहीं मिली है। मैने अपनी तरफ से एक लाख रूपए सहायता अभी दी है। विधि अनुसार मिलने वाली हर मदद दिलवाऊंगा।

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