बीकानेर,स्वामी केशवानन्द राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय अंतर्गत कृषि महाविद्यालय बीकानेर के स्थापना दिवस पर रविवार को पूर्व छात्र मिलन कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बांदा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एन.पी.सिंह और विशिष्ट अतिथि सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय मेरठ के निदेशक प्रसार डॉ. पी. के. सिंह थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति डॉ अरुण कुमार ने की।
एसकेआरएयू और कृषि विश्वविद्यालय बांदा के बीच हुआ एमओयू
कार्यक्रम में स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर और बांदा कृषि विश्वविद्यालय के बीच एमओयू हुआ। कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ पी.के.यादव ने बताया कि बांदा कृषि विश्वविद्यालय और स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर के बीच अब शिक्षा, शोध और प्रसार कार्य में आदान प्रदान हो सकेगा। इस अवसर पर वित्त नियंत्रक श्री राजेन्द्र कुमार खत्री, कावेरी सीड्स के अंतरराष्ट्रीय प्रमुख व कृषि महाविद्यालय के पूर्व छात्र डॉ. वीरेंद्र सिंह, काजरी बीकानेर के अध्यक्ष डॉ. नवरतन पंवार समेत सभी डीन, डायरेक्टर्स, प्राध्यापक और विदेश से आए 2 पूर्व छात्रों सहित देश के विभिन्न प्रांतों से आए 100 से अधिक पूर्व विद्यार्थी उपस्थित रहे।
*इन विद्यार्थियों को किया सम्मानित*
इस अवसर पर सुश्री तनीषा रणवा को सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी, मनीष को सर्वश्रेष्ठ एन.एस.एस छात्र, सुनील कूूकणा को सर्वश्रेष्ठ एन.सी.सी. छात्र व नितिन डोडा को शिक्षा के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ स्नातक छात्र, उर्मिला को सर्वश्रेष्ठ स्नातकोत्तर छात्र तथा शिप्रा शर्मा को सर्वश्रेष्ठ विद्यावास्पति विद्यार्थी का प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
बांदा कृषि विश्वविद्यालय कुलपति डॉ. एन. पी. सिंह ने कहा कि कृषि वैज्ञानिकों व छात्रों को प्रतिदिन 2 घंटे खेत में बिताने चाहिये। साथ ही कहा कि कृषि महाविद्यालय में शिक्षकों व कर्मचारियों की कम संख्या के बावजूद भी महाविद्यालय के प्रक्षेत्र पर अनुसंधान कार्य अच्छे स्तर पर किये जा रहे हैं। उन्होंने शैक्षणिक स्तर के उन्नयन के लिए नेक एक्रिडेशन प्राप्त करने की आवश्यकता बताई।सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय मेरठ के निदेशक प्रसार डॉ. पी. के. सिंह ने कहा कि विषम जलवायु परिस्थितियों व संसाधनों के अभाव के बावजूद कृषि के क्षेत्र में महाविद्यालय बेहतर प्रदर्शन कर रहा है।
कुलपति डॉ. अरुण कुमार ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन नए विद्यार्थियों को प्रेरणा देते हैं तथा वरिष्ठ छात्रों से मार्गदर्शन मिलता है। उन्होंने कहा कि हमारे शिक्षक व कर्मचारी संख्या में भले ही कम हो, लेकिन विद्यार्थियों के उत्थान के लिए निरन्तर प्रयासरत हैं।पूर्व छात्र श्री वीरेंद्र सिंह देवड़ा ने कहा कि आज कृषि क्षेत्र में प्राइवेट कंपनियां आगे बढ़ रही हैं और रोजगार की विपुल संभावनाएं हैं। लिहाजा छात्र सरकारी नौकरियों के साथ-साथ प्राइवेट सेक्टर भी चुने।
महाविद्यालय अधिष्ठाता डॉ. पी के यादव ने बताया कि कृषि महाविद्यालय की स्थापना 1 सितंबर 1987 को हुई। गत 37 वर्षों में महाविद्यालय का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए बताया कि महाविद्यालय की प्रयोगशालाओं व छात्रावासों में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं।इसके लिए उन्होंने कुलपति डॉ अरुण कुमार का धन्यवाद दिया। सहायक निदेशक डॉ. सुशील खारिया ने धन्यवाद ज्ञापित किया। डॉ. सुशील कुमार ने मंच संचालन किया।