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बीकानेर,कोटा,राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय कोटा अपने इंजिनियरिंग के विद्यार्थियों को भारतीय रेलवे के अत्याधुनिक पीजी डिप्लोमा, सर्टिफिकेट कोर्स और प्रशिक्षण के नवीन पाठ्यक्रमों की सौगात देने जा रहा है। इसके साथ ही भारतीय रेलवे के नए पाठ्यक्रम शुरू कर राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय शिक्षक व स्टूडेंट्स को रेलवे के क्षेत्र में प्रशिक्षण व रिसर्च के नवीन अवसर भी प्रदान करेगा। आरटीयू के सह जनसंपर्क अधिकारी विक्रम राठौड़ ने बताया कि इस नावाचार को मूर्त रूप देते हुए आज कुलपति प्रो. एसके सिंह और भारतीय रेलवे सिग्नल इंजीनियरिंग और दूरसंचार संस्थान के महानिदेशक श्री शरद श्रीवास्तव के मध्य समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुए। इस अवसर पर कुलसचिव धीरज सोनी, प्रो. दिनेश बिरला, डीन फैकल्टी अफेयर्स, आईआईआईआर एंड आईआर के डीन प्रो. वीके गोराना और एसोसिएट डीन डॉ. बीएल गुप्ता, पीआरओ डॉ. एसडी पुरोहित, इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के डॉ. दीपक भाटिया, ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट इंचार्ज डॉ. मनीष चतुर्वेदी सहित सभी विभागों के विभागाध्यक्ष और डीन उपस्थित थे। दोनों संस्थानों ने बी.टेक कार्यक्रमों में रेलवे सिग्नलिंग और स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली-कवच पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए आपसी सहमति जताई। इस एमओयू के तहत इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों के लिए वैकल्पिक विषय के रूप में ‘रेलवे एडवांस सिंग्नलिंग और कवच’ पर पाठ्यक्रम उपलब्ध होगा। इंजीनियरिंग करने वाला कोई भी स्टूडेंट इसे अपने कोर्स के साथ ही कर सकेगा। इस एमओयू का फायदा कम्प्यूटर साइंस,आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन, इलेक्ट्रॉनिक्स इन आईओटी, इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल के स्टूडेंट्स को मिलेगा, जिनके लिए रेलवे के एडवांस सिग्नलिंग और कवच पर ऑप्शनल कोर्स शुरू किए जाएंगे। यह कोर्स 6 महीने से लेकर 2 साल का होगा।

कुलपति प्रो. एसके सिंह ने कहा की विश्वविद्यालय मे शोध और अनुसंधान के लिए अनुकूल वातावरण का निर्माण करते एवं गुणवत्तापूर्ण तकनीकी शिक्षा प्रदान करने के साथ प्रदेश की तकनीकी शिक्षा के विकास के लिए सशक्त नीति के साथ कार्य कर रहा हैं, जिससे देश में तकनीकी वातावरण को बढ़ावा मिलेगा। शरद श्रीवास्तव महानिदेशक आईआरएसईटी हैदराबाद ने कहा की हम आपस मे मिलकर वास्तविक दुनिया के परिदृश्यों का अनुकरण कर शोधकर्ता और उद्योग विशेषज्ञ रेलवे संचार और सेवाओं के विभिन्न पहलुओं को आधुनिक बनाने के लिए अभिनव समाधान तलाशने की दिशा में कार्य करेंगे। अत्याधुनिक कोर्स शुरू होने से छात्र रेलवे इंजीनियरिंग के क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल कर सकेंगे। रेलवे मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वर्ष 1957 में स्थापित भारतीय रेलवे सिग्नल इंजीनियरिंग और दूरसंचार संस्थान, सिकंदराबाद (आईआरआईएसईटी),रेलवे सिग्नलिंग और दूरसंचार के क्षेत्र में रेलवे अधिकारियों और पर्यवेक्षकों की विशेष प्रशिक्षण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भारतीय रेलवे का एक प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान है।

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